Shri Parshvanath Katha going on in MD Jain inter college ground of Agra#agranews
आगरालीक्स…(27 August 2021 Agra News) आगरा में श्री पार्श्वनाथ कथा में बोले मुनिश्री प्रणम्य सागर जी महाराज—यह उत्सव आपकी मंगलकारी शुभ भावनाओं का फल
आगरा के एमडी जैन में चल रही श्री पार्श्वनाथ कथा
श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर हरीपर्वत परिसर में आचार्य श्री 108 मेरुभूषण जी महाराज ससंघ एवं मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज ससंघ का चातुर्मास चल रहा है. इसके चलते प्रतिदिन अर्हंयोग मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज के श्रीमुख से श्री पार्श्वनाथ कथा सुनाई जा रही है| जिसमें आज श्री पार्श्वनाथ कथा शुभ सोलह स्वपनो से प्रारंभ हुई है. आज गर्भ कल्याणक का महोत्सव मनाया जा रहा है. मुनि श्री ने बताया कि आगरा समाज के मनोभाव मे बहुत उत्साह है. यह उत्सव आपके द्वारा किए गए मंगल कार्यो का फल है आपकी मगंलकारी शुभ भावनाओ का फल है. आगरा समाज के बहुत तीव्र पुण्य उदय हुआ है जो आपको भगवान पार्श्वनाथ के पंचकल्याणक देखने को मिलेगे.
मुनिश्री ने बताया कि अभी गर्भ कल्याणक का समय चल रहा है. सोलह स्वपन की बात चल रही है. आज गुरू जी ने स्वपन विज्ञान के विषय मे बहुत विस्तार पूर्वक बताया है. स्वपन शुभ,अशुभ होते है. तिथि,पहर, पक्ष के अनुसार स्वपन फल देते है. शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष का फल तिथि और पहर के अनुसार मिलता है. स्वस्थ व्यक्ति हो,तीव्र पुण्य का उदय हो तो सपने का फल मिलता है. प्रातःकाल में सेवकों के मधुर गान के साथ माता वामा देवी की नींद खुलती है तो वह मांगलिक क्रियाएं करके अपने पति के पास सपनों का अर्थ जानने के लिए पंहुचती है. राजा अश्वसेन उनके सपनो का फल उन्हें बताते हैं. बडे बडे महापुरुष,राजा,रानी आदि प्रातःकाल में सबसे पहले पंचपरमेष्ठी का ध्यान,सामायिक, आत्मा का ध्यान करते है. गर्भ कल्याणक निकट देखकर सौधर्म इन्द्र की आज्ञा से देविया माता की सेवा करने के लिए महल मे आती है. माता को अनेक प्रकार से आनंदित प्रसन्न करती है. माता से प्रश्न करती है और माता उत्तर देती है. आध्यात्मिक प्रश्न उत्तर होते है स्वपन मे कई बार ऐसे व्यक्ति चीजे देखने मे आते है जो पहले कभी ना देखे हो. गुरु जी ने भी वैराग्य से पूर्व एक स्वपन देखा और उसमे 2 आचार्य जी एक साथ देखे. आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी को पहली बार सपने मे ही देखा,मित्र सुकौशल ने आचार्य श्री विद्यासागर जी का फोटो लाकर दिखाया तब गुरू जी बोले हां यही मुझे सपने में आए है.
पाद प्रक्षालन से हुआ शुभारंभ
इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिराज के पाद प्रक्षालन के साथ हुआ. मंगलाचरण शांतिनाथ महिला मंडल हरीपर्वत द्वारा 16 सपनों का नाटकीय रूपांतरं कर किया गया. जबलपुर से पधारे परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के संघस्य सुनील भाईया जी का आगरा जैन समाज ने स्वागत किया. मुनिराज की मंगल आरती सौमिल जैन,अतिशय जैन,विपिन जैन के द्वारा की गई. संगीतमय में दीपक जैन,संस्कृति जैन,ख्याति जैन के द्वारा किया जा रहा है. इस अवसर पर आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जैन महामंत्री सुनील जैन ठेकदार, अर्थमंत्री राकेश जैन पदेवाले, निर्मल मौठया,राजकुमार राजू, पन्नालाल बैनाड़ा,मदनलाल बैनाड़ा,मनोज जैन,विमल जैन,अंकुश जैन,शुभम जैन, अशुतोष जैन,अशोक जैन,ऊषा जैन,रेनू जैन,ऊषा मारसंस,राशि जैन,तनु जैन,वंशिका जैन,दिया जैन,रूचि जैन,ईशा जैन,समस्त सकल जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे.