ये हैं कारण
-पित्त में कोलेस्टेरॉल की मात्रा अधिक होने से मोटापे से ग्रस्त होने वाली महिलाओं में पित्त की पथरी होने की
– समय पर ख्राना न खाने से थैली लंबे समय तक भरी रहती है और पाचक रस का पित्त की थैली में जमाव शुरू हो जाता है, जो धीरे- धीरे पथरी का रूप ले लेता है।
– इंफेक्शन की वजह से पाचक रस गाढ़े हो जाते हैं और कालांतर में पथरी का रूप ले लेते हैं।
ये हैं लक्षण
इस रोग के प्रमुख लक्षण पेट में जलन और गैस बनना, भूख कम लगना, खून की कमी और पेट में दर्द होना हैं।
हो सकती है घातक
पित्त की थैली के रास्ते में जब पथरियां आकर फंस जाती हैं तो थैली में भयंकर संक्रमण हो जाता है और व्यक्ति के पेट में तीव्र दर्द होता है। इसके अलावा पीलिया व पेन्क्रियाटाइटिस आदि समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसके लिए अल्ट्रासाउंड, एम.आर.सी.पी.और ई.आर.सी.पी. जांचें कराई जाती हैं।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी है बेहतर
पाठक हॉस्टिपल, 100 फुट रोड, ताजनगरी के विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि पथरी के कारण बार -बार दर्द हो, तो ऑपरेशन जरूरी हो जाता है। अत्याधुनिक लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॅमी से पित्त की थैली को पथरी समेत निकाल दिया जाता है। थैली को निकाल देने से व्यक्ति की पाचन क्रिया में कोई कमी नहीं आती। इस आॅपरेशन में 15 से 20 मिनट लगते हैं और 24 घंटे बाद मरीज की छुटटी कर दी जाती है। वहीं, ओपेन कोलेसिस्टेक्टॅमी:-इस तकनीक में पेट के दाएं ऊपरी भाग पर
आगरा में एक छत के नीचे आॅपरेशन से लेकर जांच और अत्याधुनिक तकनीक से इलाज की सुविधाएं पाठक हॉस्पिटल, 100 फुट रोड ताजनगरी फेज टू में दी जा रही हैं। हेल्प लाइन नंबर ……..0562 2970883, 2970884, 09412257790 पर संपर्क कर सकते हैं।
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