आगरालीक्स…निकाय चुनाव में मैरिज सीजन प्रत्याशियों के लिए पड़ रहा है भारी। खास परिजनों के घरों में शादियां। कार्यकर्ताओं के नखरे। हलवाई भी ढूंढे नहीं मिल रहे।
सहालग के दिनों से चलती है रोजी-रोटी
शादी-विवाह का सीजन में नगर निकाय चुनाव होने से प्रत्याशियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश लोग सहालग में अपनी कई महीने की कमाई को निकालते हैं।
काम देखें या चुनाव में जाएं
ऐसे में उनके लिए चुनाव प्रचार में शामिल होने का मौका नहीं मिल पा रहा है। लोगों का कहना है कि पहले अपना काम देखें या चुनाव में जाएं।
पराए तो दूर अपनों का साथ भी मुश्किल
पार्षद पद के कई ऐसे प्रत्याशी भी देखे गए कि उनके खास परिजनों के घरों में ही शादियां हैं। ऐसे में चुनावी कार्यों के लिए पराए तो दूर अपने ही लोगों का साथ नहीं मिल पा रहा है।
हलवाई और वाहनों का भी टोटा
मैरिज सीजन के कारण प्रत्याशियों को कार्यकर्ताओं के लिए पूड़ी-सब्जी और चाय का इंतजाम करना भी भारी पड़ रहा है, जैसे-तैसे उनके लिए इंतजाम किया जा रहा है अथवा दुकानदारों को आर्डर कर महंगी पूड़ी-सब्जी मंगाई जा रही है। किराए की गाड़ियों का भी टोटा है।
तीन और चार मई के सहालग से ज्यादा टेंशन
प्रत्याशियों के लिए सबसे ज्यादा टेंशन तीन और चार मई को लेकर है क्योंकि इन दो दिन बहुत जोर का सहालग है। यही तारीख प्रत्याशियों के लिए करो या मरो वाली है क्योंकि तीन तारीख को उन्हें कार्यकर्ताओं के साथ मतदान की तैयारी करनी है, जबकि चार मई को मतदान होना है।