The lives of five goats were saved on Bakrid in Agra. Respect given to this Muslim family
आगरालीक्स…आगरा में बकरीद पर बचाई पांच बकरों की जान. इस मुस्लिम परिवार का किया सम्मान…
ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर होने वाली जीव हत्या के खिलाफ जीवंत संदेश दिया गया। जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ और आगरा विकास मंच के अध्यक्ष रहे अशोक जैन सीए ने पांच वर्ष बकरीद को करुणा पर्व के रूप में माना शुरू किया था। यह अभियान आज भी जारी है। इस अभियान की कमान संभाल रखी है श्रीसंघ और मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने। आज जैन तीर्थस्थल दादाबाड़ी में आयोजित समारोह में पांच बकरे जीव हत्या से बचाए गए। इस मौके पर गुलचमन शेरवानी का सपरिवार सम्मान किया गया। उन्होंने सबसे पहले बकरे के स्थान पर केक काटकर कुर्बानी दी थी। जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने मुस्लिम परिवार को आशीर्वाद दिया।
अब तक 40 बकरों की बचाई जान
राजकुमार जैन एवं सुनील कुमार जैन ने बताया कि मूक पशुओं को कुर्बानी से बचाने का यह प्रयास है। बकरों को खरीद कर रामलाल आश्रम सिकंदरा में रखा जाता है। वहां इस समय 40 बकरे-बकरी हैं। गुलचमन शेरवानी परिवार ने कुर्बानी के लिए बकरा खरीदा था। बकरा बीमार हो गया तो छोटे बच्चों ने सेवा की। बकरीद पर जब बकरे को कुर्बानी के लिए ले जाया जा रहा था तो बच्चों में करुणा का भाव जागा। बच्चे बकरे से लिपट गए और कुर्बानी नहीं देने दी। तब से गुलचमन शेरवानी परिवार बकरे की आकृति का केक काटकर अपने धर्म का पालन कर रहा है और शाकाहारी जीवन जी रहा है।
साध्वी वैराग्य निधि ने कहा कि- आज जिन बकरों को बचाया गया है, उनकी अंतर की दुआ आपको अवश्य फलीभूत होगी ही। एक जीव को अभयदान देना मेरू पर्वत पर चढ़ने के समान है। ज्योतिषविद डॉ. शिल्पा जैन की पुत्री दीक्षा जैन और दामाद सम्यक जैन (दिल्ली) ने अपनी वैवाहिक वर्षगांठ के अवसर पर रामलाल आश्रम में बुजुर्गों को जलपान कराया। साथ ही एक बकरे की जान बचाई।
आगरा विकास मंच के सुनील कुमार जैन, महामंत्री सुशील जैन, वैराग्य निधि महाराज के सांसारिक पिता, ममता जैन, डॉ. शिल्पा जैन, रोबिन जैन, विनय वागचर आदि ने गुलचमन शेरवानी परिवार का सम्मान किया। अंत में पांच बकरे रामलाल आश्रम को सौंपे गए। गुलचमन शेरावनी ने कहा कि खाने के लिए शाही पनीर है, मिठाई है, जरूरी नहीं है कि जीव की हत्या करके ही अच्छा खाना खाएं। मैंने 1992 में वंदेमातरम गाया था, तब से मुझे दुत्कारा गया। पहली बार मेरा सम्मान हुआ है।