The pits are open on the roads, becoming deadly
आगरालीक्स…सडकों पर खुदे पडे गडढे, रात में नहीं दिखाई देते. होते रहते हैं हादसे पर सडकों की बदहाली नहीं होती दूर. हर तरफ खुदाई…धूल ही धूल
शहर की सडकों का बुरा हाल
शहर की सडकों का हाल इस समय बदहाल है. हर तरफ सडकें खुदी पडी हुई हैं. वाहन सवार यहां से हिचकोले खाते हुए निकलने को मजबूर हैं. कहीं—कहीं तो गहरे गडढे बने हुए हैं जो कि रात के समय दिखाई नहीं देते और लोग उनमें गिरकर घायल हो जाते हैं. शुक्रवार रात दयालबाग में डीईआई कॉलेज से आगे कमला नगर जाने वाले मोड पर खुदे पडे एक गहरे गडढे में एक बाइक सवार युवक घायल हो गया. युवक के कंधे में फ्रेक्चर हो गया और उसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. लेकिन जानलेवा बनकर खुदे पडे ये गडढे केवल दयालबाग में ही नहीं है बल्कि शहर की विभिन्न सडकों पर खुदे पडे हुए हैं.
दयालबाग की सडकों की बुरी स्थिति
बात दयालबाग की ही की जाए तो यहां की सडकों की स्थिति पिछले कई सालों से खराब है. गंगाजल पाइपलाइन डालने के लिए यहां की सडकें आज से तीन—चार साल पहले खोदी जा चुकी हैं. पाइपलाइन डल गई और सडकों को ठीक कर दिया गया, लेकिन सडकें कैसी बनीं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले चार महीने में यहां की सडकें आठ जगह धंस चुकी हैं. डीईआई से कमला नगर जाने वाले मोड पर जहां युवक हादसे का शिकार हुआ वहां भी सडक धंस चुकी है.
सडकों से उड रही धूल
दयालबाग में फिलहाल सडकों का हाल ऐसा है कि यहां की धंसी सडकों को ठीक तो कर दिया गया लेकिन सडकों पर मिट्टी पडे हुए भी महीनों हो गए. सडक कब बनेगी इसकी कोई खबर नहीं. आसपास के लोगों का कहना है कि धूल और मिट्टी उनके घरों में आ रही है. हाल बेहाल है.