First Test: Indian batsmen failed against Australia too, team was
Transgender needs equality not mercy of society: Devika….#agranews
आगरालीक्स….#आगरा आईं #मंगलामुखी_देविका. कहा—मंगलामुखियों को समाज की दया नहीं, समानता चाहिए. परिवार अपना ले तो न मांगनी पड़े तालियां बजाकर भीख
मंगलामुखी देविका ने साझा की अपने जीवन की पीड़ा, संघर्ष और सफलता की कहानी
मंगलामुखियों को समाज की दया नहीं समानता चाहिए। तालियां बजाकर भीख का पैसा नहीं काम चाहिए। देश की साढ़े छह करोड़ मंगलामुखियों की स्थिति को बदलना है तो समाज को पहले अपना नजरिया बदलना पड़ेगा। हिजड़ा और छक्का कहकर सम्बोधित कर मुंह पर हाथ रखकर हंसने वालों को उनके दर्द को महसूस करना होगा। देश की पहली ट्रांसजेंडर देविका (मंगलामुखी) ने लगभग दो घंटे तक अपने जन्म से लेकर घर छोड़ने, 9 वर्ष की उम्र में दो वर्ष तक रेप होने, गुरु अम्मा से पिटने, कथक सीखने, इंग्लिश लिटरेचर में डॉक्टरेट कर सफलता तक का सफर बयां किया तो हर महिला स्तब्ध रह गई।
ट्रांसजेंडर के प्रति सकारात्मक नजरिया जरूरी
होटल होली-डे-इन में आयोजित कार्यक्रम में स्पाइसी शुगर संस्था की अध्यक्ष पूनम सचदेवा ने उनका पुष्प भेंट कर स्वागत किया। देविका ने कहा कि यदि ट्रांसजेंडर को उनका परिवार स्वीकार कर ले तो काफी हद तक समस्या कम हो सकती है। परिवार और समाज का तिरस्कार उन्हें उन गुरु अम्मा के पास पहुंचा देता है, जहां तालियां बजाकर नांचना, भीख मांगना, भूखे रहकर पिटाई खाना ही जीवन बन जाता है। परिवार और समाज को ट्रांसजेंडर के प्रति सकारात्मक नजरिया रखना होगा। उन्होंने अपने परिवार और समाज से मिला तिरस्कार, 15 वर्ष की उम्र में घर छोड़ना, दिल्ली में गुरु अम्मा तक पहुंचना, रेड लाइट पर भीख मांगना से लेकर कथक सीखने और शिक्षा ग्रहण करने की कहानी सुनाई तो हर कोई हैरान रह गया। कहा कि जो अपने से बधाई लेना स्वीकार करना चाहता है, वह परम्परा निभाए, लेकिन बहुत बड़ा तबका ऐसा भी है जो परिवार व समाज के तिरस्कार के कारण मजबूरी में यहां तक पहुंचता है। देविका ने शास्त्रीय कथक नृत्य भी प्रस्तुत किया।
तालियां बजाकर भीख मांगने से अच्छा देश के लिए लड़े…
आगरा। देविका ने कहा कि आज सरकार ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए काफी प्रयास कर रही है। उप्र ट्रांसजेंडर वेलफैयर बोर्ड का गठन हुआ है। आर्मी में भी नियुक्ति के लिए रास्ते खुले हैं। कलकत्ता में पहले ट्रांसजेंडर जज बने, शिक्षा, स्वास्थ के क्षेत्र में भी नौकरिया पा रहे हैं ट्रांसजेंडर। कहा कि जो नाचकर बधाई लेने की परम्परा में जाने चाहते हैं जा सकते हैं। लेकिन जो शिक्षित होकर मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं, उनका सहयोग परिवार और समाज को करना चाहिए।
इनकी रही विशेष उपस्थिति…
कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्था की अध्यक्ष पूनम सचदेवा, डॉ. नीतू चौधरी, रश्मि मगन, राजश्री मिश्रा, रानी रल्लन, रिम्मी जैन, शिखा जैन, शशि बंसल, तनूजा, शिल्पा, शिल्पी, सोनाली खंडेलवाल, चांदनी ग्रोवर, पावनी सचदेवा, प्रियंका आदि मौजूद थीं।
एक पहल देगा मंगलामुखियों को सिलाई की ट्रेनिंग
एक पहल संस्था ने कार्यक्रम के दौरान देविका को ट्रांसजेंडर के लिए सिलाई की ट्रेनिंग प्रारम्भ करने का वादा का। जिसमें आम महिलाओं के साथ शहलकी ट्रांसजेंडर भी व्यवसायिक सिलाई कोर्स की ट्रैनिंग ले सकेंगी।