आगरालीक्स…(20 May 2021 Agra) आगरा में निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे इस सेशन में फीस. बढ़ी हुई फीस किसी ने ली है तो वे ये काम करेंगे. जानिए फीस बढ़ोतरी पर क्या कहा आगरा के स्कूल संचालकों ने
सरकार का आदेश—निजी स्कूल नहीं बढ़ा सकेंगे फीस
प्रदेश सरकार ने अभिभावकों को बड़ी राहत दी है. इस सत्र 2021—22 में कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को सरकार की ओर से ये भले ही थोड़ी सी राहत है लेकिन ये फैसला सराहनीय है. प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में संचालित सभी प्रकार को बोर्डों से संबद्ध हर स्कूल पर ये आदेश लागू किया जाएगा. इसके अलावा कोई भी विद्यालय पेरेंट्स से परिवहन शुल्क नहीं ले सकेंगे. इसके अलावा तीन महीने की अग्रिम फीस देने में अगर अभिभावकों को दिक्कत होने पर वह मासिक फीस दे सकेंगे.
फीस बढ़कर ली है तो समायोजित होगी
इसके अलावा सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अगर निजी विद्यालयों में फीस बढ़ोतरी कर पहले से ही अभिभावकों से ले ली है तो वह आने वाले महीनों में उन्हें समायोजित करेंगे. डिप्टी सीएम ने कहा कि विद्यालय शैक्षणिक सत्र 2021—22 में पिछले वर्ष की भांति उसी शुल्क संरचना के हिसाब से फीस ले सकेंगे जो वष्र 2019—20 में लागू की गई थी. उन्होंने कहा कि तीन महीने की अग्रिम फीस देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.
ये शुल्क भी नहीं ले सकेंगे स्कूल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डिप्टी सीएम का कहना है कि विद्यालय में भौतिक रूप से परीक्षा नहीं हो रही है, इसलिए परीक्षा शुल्क भी नहीं ले सकेंगे साथ ही जब तक क्रीड़ा, विज्ञान प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, वार्षिक फंक्शन जैसे आयोजन भी नहीं हो रहे हैं तो उनका भी कोई शुल्क नहीं लिया जा सकेगा.
कोरोना संक्रमितों के लिए ये सुविधा
डिप्टी सीएम के अनुसार यदि किसी स्टूडेंट या उनके फैमिली का कोई सदस्य कोरोना से संक्रमित है और उन्हें फीस देने में परेशानी हो रही है तो उनके लिखित अनुराध पर उस माह का शुल्क अग्रिम महीनों में मासिक किश्त के रूप में समायोजित किया जाएगा. इसके अलावा विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मिकों का वेतनभुगतान भी नियमित रूप से करने के आदेश दिए गए हैं.
यहां पर करें शिकायत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डिप्टी सीएम ने कहा कि यदि किसी विद्यालय की ओर से सरकार के आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो पेरेंट्स जिले में गठित शुल्क नियामक समिति के समक्ष शिकायत कर सकेंगे. जिला विद्यालय निरीक्षण को सरकार के इन आदेशों का पालन करने की जिम्मेदारी दी गई है.
जानिए क्या कहा स्कूल संचालकों ने
इस संबंध में अप्सा के अध्यक्ष डॉक्टर सुशील गुप्ता ने कहा कि जैसा कि सर्कुलर में आदेश है, अप्सा के सभी स्कूल उसका पालन करेंगे और जो फीस हमने 2019—20 में ली थी वही हमने 2020—21 में ली है, उसमे कोई भी बढ़ोतरी न करते हुए 2021—22 में भी लेंगे. उन्होंने कहा कि क्यूंकि बसें चल नहीं रही है इसलिए बसों की कोई फीस नहीं ली जाएगी. अगर कोई पैरेंट लिखित रूप में प्रार्थना पत्र देता है तो उसकी प्रार्थना पर विचार कर के उसको तिमाही न ले कर मासिक शुल्क स्कूलों द्वारा लिया जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा की हर स्कूल संचालक यह समझता है की इस समय अभिभावक परेशांन है लेकिन उसके साथ—साथ हमें हमारे यहाँ टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का भी ख्याल रखना है इसलिए हम अभिभावक से उम्मीद की जाती है की वो फीस जमा करेंगे जिससे की हम शिक्षको का और शिक्षणरतार कर्मचारियों को भी सैलरी दे सकेंगे. चुकी फीस में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है इसलिए शायद उनकी सैलरी बढ़ने में भी परेशानी आ सकती है. उन्होंने यह भी कहा की अगर और कोई भी आदेश आएगा तो अप्सा के सभी स्कूल उस आदेश का पालन करेंगे. डॉक्टर गुप्ता ने यह भी कहा की यदि किसी अभिभावक से अतरिक्त फीस लेली गयी है तो उससे आने वाले महीनो में समायोजित कर लिया जायेगा.
इसके अलावा दयालबाग के चौधरी बीरी सिंह इंटर कॉलेज के रनवीर सिंह का कहना है कि सरकार की ओर से जो भी आदेश जारी किया गया है उसका पूर्णत: पालन किया जाएगा.