Video News : Bhole Baba satsang start from Kutiya in Agra 1995, Try to bring the dead back to life# Agra
आगरालीक्स ….सब इंस्पेक्टर से भोले बाबा बनने का सफर आगरा की एक छोटी से कुटिया से शुरू हुआ। भोले बाबा ने गोद ली हुई बेटी की मौत के बाद उसे जिंदा करने के लिए दो दिन तक शव घर में रखा। पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कराया था, कुटिया के बाहर हैंडपंप को लेकर भी अंधविश्वास, हर मंगलवार को सुबह से ही लगती है भीड़। ( Video News : Bhole Baba satsang start from Kutiya in Agra 1995, Try to bring the dead back to life)
कासगंज के पटियाली के गांव बहादुर नगर के रहने वाले एसपी सिंह पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे, वे एलआईयू में तैनात रहे। आगरा के केदारनगर में ईडब्ल्यूएस मकान में रहते थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोई संतान न होने पर उन्होंने अपने साले की बेटी को गोद लिया, 1994 95 में गोद ली हुई बेटी के बिष बेल, यानी गले के पास गांठ थी, इससे उसकी मौत हो गई। बेटी को जिंदा करने के लिए उसके शव को दो दिन तक अपने घर में रखा, बड़ी संख्या में लोग भी उनके घर पर पहुंचने लगे।
पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार
बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने पर पुलिस पहुंची, तब भोले बाबा ने पुलिस को बताया कि ऐसा लोगों का मानना है कि वे बेटी को जिंदा कर देंगे उन्होंने ऐसा नहीं कहा है। पुलिस ने मल्ल का चबूतरा श्मशान घाट पर बेटी का अंतिम संस्कार कराया था। कुटिया के बाहर एक हैंडपंप है, उनके अनुयायी यह मानते हैं कि हैंडपंप से दवा निकलती है, हैंडपंप का पानी पीने से सारे रोग दूर हो जाते हैं।
2007 में छोड़ दी थी पुलिस की नौकरी
एसपी सिंह ने 2007 में पुलिस से नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने साकार विश्व हरि के नाम से सत्संग करना शुरू किया। श्रद्धालुओं ने उन्हें भोले बाबा कहना शुरू कर दिया। उनके सत्संग में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, वे अपनी पत्नी के साथ सत्संग में शामिल होते हैं।