जीवन में कॉम्पटीशन जरूरी जीवन में कॉम्पटीशन होना जरूरी है. हमें खुद को किसी भी प्रकार के प्रेशर को झेलने लायक बनाना चाहिए. फिर भी हमें खुद को इतना स्ट्रैच नहीं करना चाहिए कि स्टेबिलिटी ही टूट जाए.

हर वक्त बच्चों को न समझाएं बच्चों को हर वक्त और ज्यादा समझाने से माता पिता को बचना चाहिए. पैरेंट्स से आग्रह है कि बच्चों के बीच कम्पेरीजन मत कीजिए. इससे बच्चों के अंदर द्वेष भाव पैदा हो जाता है.

दोस्तों को इंस्पिरेशन बनाएं अगर आपका दोस्त 100 नंबर के पेपर में से 90 नंबर लाता है तो उसे स्पर्धा न करें. अपने अंदर ईष्र्या न आने दें. दोस्त को अपनी इंस्पिरेशन बनाएं न कि कॉम्पटीटर. मां बाप भी दूसरे बच्चों से कम्पेरीजन न करें.

क्लास हो खुशनुमा टीचर और स्टूडेंट्स का रिलेशन अच्छा होना चाहिए उसमें तनाव न आने पाए. म्यूजिक के जरिए शिक्षक क्लास का माहौल खुशहाल कर सकते हैं. शिक्षक सिलेबस से निकलकर कुछ समय स्टूडेंट्स से रिलेशन डेवलप करें.

एग्जाम से पहले मन रखें शांत एग्जाम से पहले मन में तनाव को न आने दें. मन को शांत रखें. किताब से हमेशा चिपके न रहें. एग्जाम हॉल में सुकूल से बैठिए. 8—10 मिनट खुद के लिए जीएं. फिर जब आपके हाथ में पेपर आए तो आपको तनाव नहीं होगा.

लिखने की प्रैक्टिस करें एग्जाम में बड़ा चैलेंज लिखना होता है, इसलिए लिखने की प्रैक्टिस करें. क्वेश्चन पेपर किसे पहले मिला, मुझे बाद में मिला जैसी फिजूल बातों में अपनी एनर्जी न खर्च करें.

फिजिकल एक्सरसाइज जरूरी हर दिन दो बेसिक फिजिकल एक्सरसाइज के लिए समय निकालें. सनलाइट से बॉडी को चार्ज करने की कोशिश करें. पर्याप्त नींद लेनी चाहिए. ओवरनाइट पढ़ाई करने से बचें. इससे तनाव बढ़ता है.

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की तरह शरीर को चार्ज करें आपमें से बहुत सारे छात्र मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की तरह शरीर को भी चार्ज करना चाहिए. पर्याप्त नींद लें. अगर आप स्वस्थ्य ही नहीं रहेंगे तो तीन घंटे एग्जाम में बैठने का सामथ्र्य खो देंगे.