आगरालीक्स… आगरा में रिफाइंड और सरसों के तेल में मिलावट का बडा खुलासा हुआ है, कैसे बना रहे थे रिफाइंड जान कर हैरान रह जाएंगे चावल की भूसी के तेल को रिफाइंड और सरसों के तेल का रूप दिया जा रहा था।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने ग्वालियर रोड इटौरा स्थित अग्रवाल एंड संस पर छापा मारा। टीम को सोयाबीन रिफाइंड और सरसों के तेल के टिन मिले, जांच में सामने आया है कि चावल की भूसी के तेल से रिफाइंड और सरसों का तेल बनाया जा रहा था। टीम ने यहां से करीब 11,500 लीटर तेल को सीज कर दिया है। जांच के लिए यहां से पांच सैंपल भी लिए हैं। जिला अभिहीत अधिकारी विनीत यादव ने बताया कि फर्म का मालिक सौरभ अग्रवाल निवासी कुर्राचित्तरपुर है। चावल की भूसी का तेल इसमें मिलाया जा रहा था। पैकिंग कर इसे बिक्री के लिए भेजा जाता था। टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सर्वेश मिश्रा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी रामचंद्र यादव, गुंजन शर्मा, जगवीर सिंह रहे।
मोटी कमाई के लिए खेल
सरसों के तेल का दाम 120-140 रुपये होने पर मिलावट माफिया तीन गुना से अधिक कमाई कर रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि मिलावट से तैयार हुए तेल पर करीब 30-40 रुपये की लागत आती है। बाजार में शुद्ध तेल के नाम पर इसे बेचा जाता है। पिछले एक माह की बात करें तो विभाग ने करीब 45 टन मिलावटी तेल सीज किया है।
पानी में दूध
एफएसडीए ने दूध के आठ सैंपल जुटाए थे। इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग की लैब में कराई। जांच के बाद रिपोर्ट में पाया कि दूध में वसा का नाम तक नहीं था। इसके अलावा पानी की भी खूब मिलावट पाई गई। राहत की बात रही कि सैंपल में सिंथेटिक दूध नहीं मिला। जिला अभिहीत अधिकारी ने बताया कि मिलावटी दूध बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं। विभाग ताबड़तोड़ छापे मारकर कार्रवाई कर रहा है। दरअसल, अब मिल्ट प्रोडक्ट की 24 घंटे के अंदर स्वास्थ्य विभाग की लैब से जांच रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है।
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