11th student gang rape case Agra: IG direct SSP to suspend Inspector & Chauki Incharge
आगरालीक्स.. आगरा में 11 वीं की छात्रा के साथ कार में गैंगरेप के मामले में रेप की जगह छेडछाड में मुकदमा दर्ज करने पर इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी को निलंबित करने के लिए आईजी ए सतीश गणेश ने एसएसपी बबलू कुमार को आदेश दिए हैं। इस मामले की एसपी से जांच कराई गई थी, इसमें जगदीश पुरा के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय कुमार पांडेय और चौकी प्रभारी नील कमल दोषी पाया गया है।
आगरा के जगदीशपुरा क्षेत्र के एक स्कूल की 11 वीं की छात्रा से उसी स्कूल में पढने वाले 12 वीं के छात्र सत्येंद्र ने दोस्ती की, उसके फेसबुक पर मैसेज भेजने के बाद मोबाइल नंबर ले लिया। उसे मैसेज भेजने लगा, 15 अगस्त को स्कूल वैन चली जाने के बाद सत्येंद्र ने उससे कहा कि वह उसे घर छोड देगा, छात्रा को लडडू खिलाने के बाद कुछ पिला दिया, इससे वह बेहोश हो गई, होश आने पर वह कार की पिछली सीट पर थी, कार में दीपक धनगर और सत्येंद्र थे, छात्रा के कपडे अस्त व्यस्त थे। विमल बाहर खडा हुआ था, उन्होंने छात्रा को घर पर छोड दिया और अपने मोबाइल में छात्रा के अश्लील फोटो दिखाते हुए मुंह खोलने पर बदनाम करने की धमकी दी। यह फोटो बाद में धर्मेंद्र और हेमंत को भी दे दिया।
15 से 27 अगस्त तक कई बार गैंगरैप
छात्रा का आरोप है कि अश्लील पफोटो सार्वजनिक करने की धमकी देकर छात्रा को ब्लैकमेल किया, 15 से 27 अगस्त तक कई बार छात्रा को हश्उन्होंने बुलाया और गैंगरेप किया, इससे छात्रा डर गई, वह दहशत में थी।
तीन अरेस्ट
सीओ लोहामंडी चमन सिंह चावडा ने मीडिया को बताया कि हेमंत, धर्मेंद्र और सत्येंद्र को अरेस्ट कर लिया गया है, दीपक धनगर और विमल फरार हैं।
विमल ने वायरल किए फोटो
छात्रा के अश्लील फोटो विमल ने वायरल किए थे। गिरफ्तार हेमंत, धर्मेंद्र और सतेंद्र ने पुलिस को पूछताछ में यह बताया है। सतेंद्र ने अपने बयानों में दुष्कर्म की बात स्वीकार की। आरोपित हेमंत व धर्मेंद्र ने यह बताया कि वह फोटो दिखाकर छात्रा को ब्लैकमेल कर रहे थे। विमल के पास फोटो कहां से आए। यह उसकी गिरफ्तारी के बाद साफ होगा। पुलिस के अनुसार विमल और आरोपित हेमंत दोस्त हैं। हेमंत की दीपक धनगर से दोस्ती है। इन दोनों ने मिलकर ही घटना की योजना बनाई थी।
एसपी से कराई जांच
पूरे मामले को आइजी रेंज ए.सतीश गणोश ने गंभीरता से लेते हळ्ए इंस्पेक्टर, चौकी प्रभारी और सीओ की जांच एसपी ग्रामीण (पूर्वी) प्रमोद कुमार को सौंपी थी। मुकदमा तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय कळ्मार पांडेय के समय में लिखा गया था। उन पर सही मुकदमा न लिखाने और मेडिकल व बयान नहीं कराने के आरोप थे। एसपी ने अपनी जांच में पाया कि इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी ने मामले को गंभीरता से नहीं लेकर लापरवाही बरती। आइजी को सौंपी रिपोर्ट में उनकी सत्यनिष्ठा पर भी सवाल उठाया गया है। मामला सीओ के संज्ञान में नहीं था। इस पर भी सवाल उठाया है कि उनका क्या दायित्व था।