आगरालीक्स..(Agra News 23rd May). आगरा में ब्लैक फंगस के चार मरीजों के आपरेशन किए जा चुके हैं, एक मरीज की आंख निकालनी पडी है। घातक हो रहा ब्लैक फंगस, एसएन में 18 मरीज भर्ती।
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के चार मरीजों का आपरेशन किया जा चुका है, एक मरीज का आपरेशन ग्वालियर में हुआ था और आंख निकालनी पडी थी। एसएन मेडिकल कॉलेज में फंगस के 18 मरीज भर्ती हैं, इसमें से चार में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। जबकि 14 ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीज हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के नाक, कान और गला विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है, इसके बचाव से इसे रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि क्योंकि यह रोक काफी तेजी से फैलता है, इस कारण जरूरी है कि हम इसकी रोकथाम पर ज्यादा ध्यान दें। इससे यह रोग नहीं बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस अनियंत्रित शुगर के मरीजों में ज्यादा होने का खतरा होता है। इसलिए यह जरूरी है कि जिन मरीजों की शुगर अनियंत्रित रहती है वह अपनी शुगर को नियंत्रित रखें। जिन लोगों को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है वह स्टेरॉयड डॉक्टर की सलाह पर ही लें। इसके साथ ही जिन रोगियों को ऑक्सीजन लग रही है वह रोजाना ऑक्सीजन के रेग्यूलेटर में लगे पानी को बदलें।
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। मरीज के बिस्तर की चादर प्रतिदिन बदली जानी चाहिए। तकिया इत्यादि को भी साफ रखे जाने की जरूरत है। लंबे समय तक तकिये को धूप नहीं दिखाई गई होती है, इस कारण उसमें भी फंगस हो जाता है, इससे मरीज को फंगस लगने का चांस बढ़ जाता है। इसलिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि एसएन मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सरकार ने सभी दवाएं उपलब्ध कराई हैं। यदि किसी को ब्लैक फंगस जैसी कोई परेशानी होती है तो इमरजेंसी में मरीज को उपचार उपलब्ध होगा।
बचाव के तरीके
- ब्लड शुगर पर पूरा नियंत्रण
- स्टेराइड का उचित, तर्कसंगत और विवेकपूर्ण प्रयोग
- कोविड मरीज को ऑक्सीजन देते समय उसका पानी रोजाना बदला जाए
- दिन में दो बार नाक को सलाइन से धोएं.
- जो कोविड रोगी अधिक जोखिम वाले हैं, उनकी नाक धोना और एमफोरेटिस बी से उपचार.
-साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें