आगरालीक्स…(12 November 2021 Agra News) डायबिटीज की प्रोब्लम है तो रविवार को यहां जाएं. सुबह 7 से 9 बजे तक लग रहा है डायबिटीज जांच शिविर..इन चीजों की भी मिलेगी जानकारी. शहर के ये डॉक्टर्स होंगे शामिल
कम्पनी गार्डन आएं में लग रहा शिविर
आगरा डायबिटिक फोरम (एडीए) द्वारा आगरावासी 14 नवम्बर को कम्पनी गार्डन में चाय पर आमंत्रित हैं। सुबह गार्डन में मार्निक वॉक करिए और फिर शुगरफ्री चाय पीने के साथ विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर शहर के वरिष्ठ चिकित्सकों से अपनी निशुल्क मधुमेह जांच कराइये। आगरा डायबिटिक फोरम द्वारा (आईएमए, आईएसीएम, सीडीआरएस, दिशा संस्था के सहयोग से) विश्व मधुमेह दिवस पर डायबिटीज जांच एवं ज्ञान शिविर का आयोजन सुबह 7 से 9 बजे तक किया जा रहा है। जिसमें शहर के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा जांच के साथ मरीजों को खानपान, व्यायाम और जीवनशैली से सम्बंधित जानकारी दी जाएगी।
शहर के बीच में लग रहा कैम्प
एडीएफ के सचिव डॉ. सुनील बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के कारण इस वर्ष शिविर का आयोजन शहर के बीच सिर्फ कम्पनी गार्डन में किया जा रहा है। जहां, मरीजों की ब्लड शुगर जांच, एचबीए-1सी (तीन माह की ओसत जांच), डॉक्टर व मरीजों के बीच प्रश्नोत्तरी राउंड होगा। शहर के वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों को परामर्श देंगे।
वरिष्ठ चिकित्सकों में ये रहेंगे मौजूद
डॉ. सुनील बंसल, डॉ. अतुल कुलश्रेष्ठ, डॉ. अरविन्द जैन, डॉ. सीआर रावत, डॉ. वाईबी अग्रवाल, डॉ. राजीव उपाध्याय, डॉ. वीरेन्द्र खंडेलवाल, डॉ. केके विश्वानी, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. एके गुप्ता, डॉ. डीपी अग्रवाल, डॉ. अशोक शिरोमणी, डॉ. अमित माहेश्वरी, डॉ. बीके अग्रवाल, डॉ. पवन गुप्ता, डॉ. आशीष गौतम, डॉ. प्रभात अग्रवाल, डॉ. अश्वनी खन्ना, डॉ. अरुण अग्रवाल, डॉ. राजीव किशोर, डॉ. वीरेन्द्र खंडेलवाल, डॉ. विजय खुराना, डॉ. वीके अग्रवाल, डॉ. तरुन सिंघल आदि मौजूद रहेंगे।
इंसुलिन की खोज के 100 वर्ष हुए पूरे
आगरा डायबिटिक फोरम के सचिव डॉ. सुनील बंसल ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष इंसुलिन की खोज के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विश्व मधुमेह दिवस पर World Diabetes Day 2021-23 is access to diabetes care थीम दी है। जिसके तहत अगले तीन वर्षों में डायबिटीज से जुड़ी सुविधाओं को छोटी सी छोटी जगह पहुंचाया जाएगा। जिसमें जांच, दवाएं, जागरूकता वशिक्षा की सभी सुविधाएं शामिल होंगी। अभी तक यह सुविधाएं बड़े शहरों तक सिमटी हुई हैं। गांव देहात में न तो डायबिटीज के एक्सपर्ट हैं न इंसुलिन का स्टोरेज करने वाले और न ही जागरूकता। जबकि डायबिटीज गांव-गांव में पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की मदद से ग्लोबल अवेयरनेस पैदा करनी है।