आगरालीक्स…आगरा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही चंबल नदी. स्कूलों में भरा नदी का पानी. गांव छोड़कर जाने लगे लोग..आज रात खतरे वाली…फोटोज में देखें चंबल नदी का उफान
मध्यप्रदेश में हो रही जमकर बारिश का असर नदियों पर दिखाई देने लगा है. चंबल नदी इस समय उफान पर बह रही है. बारिश के बाद से कोटा बैराज से 16 गेट खोल दिए गए हैं जिसके कारण आगरा के पिनाहट व बाह क्षेत्र में नदी का रौद्र रूप दिखना शुरू हो गया है. स्कूलों तथा गांवों में नदी का पानी घुस आया है. प्रशासन द्वारा लगातार लोगों को अलर्ट किया जा रहा है. आज डीएम प्रभु एन सिंह ने भी स्थिति का जायजा लिया और मौके का निरीक्षण किया. इधर प्रशासन द्वारा अलर्ट किया गया है कि आज की रात नदी का जलस्तर अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है. खतरे को भांपते हुए तटवर्ती गांवों में रहने वाले लोगों ने भी पलायन करना शुरू कर दिया है. 17 से अधिक गांवों का संपर्क तहसील व जिला प्रशासन से कट चुका है. बाढ़ से बचने के लिए लोगों ने ऊंचे टीलों पर जाना शुरू कर दिया है.
बारिश के बाद कौटा बैराज के 16 गेट खोल दिए गए हैं, इससे चंबल में जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. चंबल क्षेत्र में आगरा के पिनाहट, बाह के साथ ही राजाखेड़ा के गांव आते हैं। चंबल में खतरे का निशान 130 मीटर पर है लेकिन यह बुधवार सुबह 132 मीटर को पार कर गया और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
136 मीटर पार कर सकता है जलस्तर
चंबल में बाढ़ के लिए खतरे का निशान 130 मीटर पर है, लेकिन कोटा बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. कोटा बैराज से 17 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इससे बुधवार रात तक चंबल का आगरा में जलस्तर 135 के पार पहुंच सकता है यह 136 को पार कर नया रिकार्ड भी बना सकता है. इससे पहले 1996 में चंबल का जलस्तर 136.60 मीटर तक पहुंचा था, पिछले साल 2021 में 135 मीटर पार हो गया था, इसे देखते हुए प्रशासन ने इंतजाम किए हैं.
डीएम प्रभु एन सिंह का मीडिया से कहना है कि राइजिंग ट्रेंड है, पीछे से इनपुट मिला है और हमारी टीम बता रही है कि चंबल का जलस्तर 135.50 मीटर तक पहुंच सकता है. वैसे बारिश नहीं हुई है, इससे राहत मिल सकती है, बाह और पिनाहट के 12 से अधिक गांव में बचाव और राहत कार्य के लिए टीमें तैनात की गई हैं.