आगरालीक्स…“रंग रंग राधा हुईं, एक रंग बस श्याम। पूरा बृज बूझत फिरे, ये राधा या श्याम…आगरा के पालीवाल पार्क में होली मिलन पर हुआ कवि सम्मेलन.
आगरा में गुरुवार को पालीवाल पार्क होली मिलन समारोह के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं उन्हें माल्यार्पण किया गया। समारोह में डॉ राजेंद्र मिलन ने सुनाया — नैना सुर्ख गुलाब से टूटी हुई कमंद। अब कैसे जुड़ पायेंगे प्रेम पगे सम्बन्ध।। अशोक अश्रु ने कहा “रंग रंग राधा हुईं, एक रंग बस श्याम। पूरा बृज बूझत फिरे, ये राधा या श्याम।।
दुर्ग विजय सिंह दीप ने सुनायारंग बरसे झमाझम फगुनवा में/ गान फगुआ पे झूमें मधुबनवा में तो सुशील सरित- ने कहाचलो वृंदावन चल के बांके बिहारी के संग खेले होली/ रंग गुलाल के थाल सजा के झांझ ढ़ोल मिरदंग बजा के / चलो जी रंग बरसाने बरसाने वाली से खेलेंगे होली सुनाकर महफिल लूट ली। राज बहादुर सिंह राज ने कहा “बरसाने में मच्यो है होरी को हुड़दंग झांझ मंजीरा ढोल ढप बाज रहे मिरदंग बाज रहे मिरदंग नाच रहे लोग लुगाई बज मारी होरी ने घर-घर आग लगाई। वहीं राम वीर रवि ने कहा” जी ट्वंटी के मुखिया नें अब, कैसी साकि जमाई? शांति दूत बनिकें दुनियां कूं, गीता जाइ थमाई।”। निशि राज ने कहा आइना ख़ुद को बनाकर देखिए गैर को अपना बनाकर देखिए। पद्मावती ने कहा ,कान्हा होली खेलन आजइयो बुलाइ रही राधा प्यारी। बुलाइ रहीं गोपियाँ सारी।
डॉ शशि गुप्ता ने कहा *मैंने कलसन भरो है रंग कान्हा होली खेलन आय
जईयो। राजेश्वरी ने कहा बिरज में होली खेलन आयो रे राधा के संग कान्हा सब ग्वाल वालों ले आयो रे राधा कृष्ण। संचालन डॉ शशि गुप्ता ने किया
विनय बंसल ने नज़्म सुनाई — आ जाए इधर वो अगर, देखना, ढा जाएगा महफ़िल में कहर देखना। राजेश्वरी मोहित सक्सेना आदि ने भी काव्य पाठ किया।