आगरालीक्स…जितना जरूरी बच्चे के लिए स्तनपान है, उतना ही जरूरी है मां के लिए पौष्टिक आहार…डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा पैदा होने के कितनी देर बाद पिलाएं दूध और कब तक
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स आईएपी आगरा द्वारा वर्ल्ड ब्रैस्टफीडिंग वीक एक अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जा रहा है. इसी क्रम में आज रवि वूमेन हॉस्पिटल दिल्ली गेट में इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स आगरा द्वारा यह वीक मनाया गया. इसमें आईएपी आगरा के प्रेसिडेंट डॉक्टर अरुण जैन ने बताया कि मां को अपने बच्चे को दूध पिलाने से स्तन कैंसर होने का खतरा बहुत कम हो जाता है. डॉ सुनील अग्रवाल ने बताया कि मां को खाने में पौष्टिक आहार देना जरूरी है. पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए. प्रोटीन कैल्शियम आयरन युक्क्त भोजन करना चाहिए.
डॉ मधु नायक ने बताया कि बच्चा पैदा होने के एक घंटे के अंदर मां का दूध पिलाना जरूरी है. डॉक्टर अभिषेक गुप्ता ने बताया कि दूध पिलाते समय मां को हमेशा बैठकर दूध पिलाना चाहिए, लेट के दूध कभी नहीं पिलाना चाहिए. डॉक्टर संजय सक्सेना ने बताया कि 6 महीने तक बच्चे को गाय य डिब्बे का दूध नहीं देना चाहिए अगर बच्चा 24 घंटे में 14 से 15 घंटे सो रहा है और 15 से 17 बार पेशाब कर रहा है तो इसका मतलब बच्चे का पेट पूरी तरीके से भर रहा है.
डॉक्टर मनीष सिंह ने बताया कि अगर मां को पूरा दूध नहीं आ रहा है तो इस समय अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए. डॉक्टर आरएन द्विवेदी ने बताया कि जो महिलाएं जॉब पर जाती हैं. वह वर्किंग पर जाने से पहले अपने आंचल से दूध निकाल कर फ्रिज में रख सकते हैं, जिससे घर का कोई भी सदस्य बच्चे को दूध पिला सकता है. दूध हमेशा स्टील के ही बर्तन में रखें. डॉक्टर योगेश दीक्षित ने बताया कि किसी भी बीमारी में बच्चों को दूध देना बंद नहीं किया जाता, अगर मां को वायरल है तो मां को मास्क लगाकर बच्चों को दूध पिलाना चाहिए. डॉ स्वाति द्विवेदी ने मंच का संचालन किया.
इस कार्यक्रम में डॉ अरुण जैन प्रेसिडेंट आईएपी आगरा, डॉ योगेश दीक्षित सेक्रेटरी आगरा डॉ. संजय सक्सैना डॉ मनीष सिंह, डॉ आर एन द्विवेदी, डॉ सुनील अग्रवाल, डॉ अभिषेक गुप्ता, डॉ मधु नायक, डॉ स्वाति द्विवेदी, डॉ. ज्योति, डॉ रजनी पचौरी, मौजूद रहे.