आगरालीक्स …आगरा में जूनियर डॉक्टरों को बताया गया कि शोध कैसे करें, उसके विषय क्या हों, एसएन मेडिकल कॉलेज में रिसर्च मैथोडॉलॉजी पर कार्यशाला आयोजित की गई।
एसएन की डॉ दिव्या श्रीवास्तव द्वारा “शोध प्रश्न को परिभाषित करना – थीसिस प्रोटोकॉल और अनुदान के लिए विषय चयन” था। एक मजबूत और अच्छा शोध प्रश्न एक अच्छे शोध की नींव है और यह उपयोगी साबित होगा। डॉ गीतू सिंह ने शोध शीर्षक, लक्ष्य और उद्देश्य लिखने का तरीका बताया। शीर्षक लिखने की पीआईसीओटी पद्धति के बारे में बताया गया।डॉ. विशाल सिन्हा, प्रोफेसर और प्रमुख, मनोचिकित्सा ने साहित्य की समीक्षा और इसके महत्व और साहित्य की खोज करने और अध्ययन के अंतराल को खोजने का सही तरीका पर सत्र लिया। अगला सत्र डॉ रेनू अग्रवाल अग्रवाल,आचार्य और विभागाध्यक्ष , कम्युनिटी मेडिसिन द्वारा वर्णनात्मक अध्ययन डिजाइन पर था।
विभिन्न प्रकार के अध्ययन डिजाइनों- वर्णनात्मक, विश्लेषणात्मक और प्रायोगिक अध्ययन डिजाइनों के बीच अंतर को समझाया गया। डॉ. हिमालय सिंह, सहायक प्रोफेसर, ने क्रियाविधि पर अगला सत्र शुरू किया। उन्होंने अध्ययन जनसंख्या, चयन मानदंड और नमूने पर चर्चा की। डॉ. विपिन मंगल, सहायक प्रोफेसर, फार्माकोलाॅजी विभाग ने पशु नैतिकता पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने पशु प्रयोग करने के लिए नैतिक दिशानिर्देशों पर चर्चा की। टीबी एवं चेस्ट विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने संस्थागत नैतिक समिति की संरचना और कार्यों के बारे में बताया।