आगरालीक्स…आगरा HIMCS में साइकोड्रामा और हिप्नोटिक रिलैक्सेशन पर हुई वर्कशॉप. प्रभावी तकनीकियों को किया गया साझा
हिंदुस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड कंप्यूटर स्टडीज में साइकोड्रामा और हिप्नोटिक रिलैक्सेशन पर एक प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने अपने विचार और अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. बी. एल. दुबे (प्रोफेसर, क्लिनिकल साइकोलॉजी एवं ऑर्गनाइजेशनल बिहेवियर, अलास्का, यूएसए), डॉ. एंटोनियो सर्विग्नी (मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक एवं साइकोड्रामा विशेषज्ञ, इटली) और डॉ. नवीन गुप्ता ( आचरण विज्ञानी एवं HIMCS के डायरेक्टर) ने शिरकत की।
डॉ. बी.एल. दुबे ने मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में साइकोड्रामा की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार यह तकनीक व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में तनाव को कम करने और निर्णय क्षमता को बेहतर बनाने में सहायक है।
डॉ. एंटोनियो सर्विग्नी ने साइकोड्रामा को एक प्रभावी थेरेप्यूटिक टूल बताते हुए कहा कि यह मानव के भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने प्रतिभागियों को साइकोड्रामा के व्यावहारिक उपयोग पर लाइव प्रदर्शन भी दिया। डॉ. एंटोनियो सर्विग्नी ने तीन साइकोड्रामा अभ्यासों का संचालन किया, जो छात्रों के व्यक्तिगत जीवन से संबंधित थे, और जिनके माध्यम से उन्होंने समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया।
डॉ. नवीन ‘गुप्ता ‘ने हिप्नोटिक रिलैक्सेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह तकनीक मनुष्य के अवचेतन मन को शांत और सशक्त करने में सहायक है। उन्होंने इस क्षेत्र में हो रहे शोध और इसके संभावित लाभों पर चर्चा की। डॉ. नवीन गुप्ता ने सभी विशेषज्ञों का धन्यवाद व्यक्त किया और विशेष रूप से डॉ. निकोल का आभार प्रकट किया, जो इटली से आए
और उन्होंने साइकोड्रामा अभ्यास का संचालन किया।
कार्यशाला के विशेष सत्र में डॉ. विजय पाठक (मनोवैज्ञानिक, दिल्ली) ने “द एपिक सागा ऑफ़ स्ट्रेस इन एक्शन” विषय पर एक उत्कृष्ट सत्र का संचालन किया। उन्होंने तनाव के विभिन्न चरणों, इसके कारणों और प्रभावों पर प्रकाश डाला। डॉ. पाठक ने तनाव प्रबंधन के लिए सरल लेकिन प्रभावी तकनीकों को साझा किया, जिसे प्रतिभागियों ने अत्यंत उपयोगी पाया।
कार्यशाला में विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और प्रोफेशनल्स ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम का समापन एक इंटरएक्टिव सेशन के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से प्रश्न पूछे और उनके अनुभवों से लाभ उठाया। HIMCS के इस प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप ने मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशाओं और दृष्टिकोणों को समझने का अवसर प्रदान किया। कार्यक्रम के संचालन की ज़िम्मेदारी HIMCS की छात्रा मणिका जैन (MBA प्रथम सेमेस्टर) और आलिया खान (बी.टेक – बायोटेक) ने सफलतापूर्वक निभाई। डॉ. गुंजन भटनागर और सुश्री तनु मारवाह कार्यक्रम के समन्वयक थे।