आगरालीक्स..ASICON 2024 Agra : अब हरे रंग की डाई से जिस जगह कैंसर है वह पता चल जाएगा, सर्जरी से पूरी तरह कैंसर ठीक हो सकता है। आगरा में चल रहे एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ इंडिया के राष्ट्रीय सम्मेलन में आईसीजी डाई पर चर्चा की गई।
एसीकॉन में डॉ. नूतन जैन ने बताया कि आईसीजी डाई का इस्तेमाल दूरबीन विधि से सर्जरी करते समय किया जाता है। डाई का इंजेक्शन लगाते हैं, बच्चेदानी, पित्त की थैली, स्तन में कैंसर है तो केवल कैंसर वाला हिस्सा ही ग्रीन रंग का हो जाएगा। इसी तरह से कैंसर नहीं है तो डाई लगाने के बाद भी वह पहले जैसा ही रहेगा। इससे केवल उसी हिस्से को निकाल दिया जाता है जिसमें कैंसर है। पूरा स्तन सहित अन्य अंग निकालने की जरूरत नहीं होती है साथ ही जब सर्जरी कर रहे हैं तो उस समय भी पता चल जाता है कि किस हिस्से में कैंसर है उसे निकाल सकते हैं। एसीकॉन का शनिवार को समापन होगा।
महिलाओं में बढ़ी थायराइड की बीमारी
केरला से आए डॉ. प्राजन ने बताया कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन से थायराइड की समस्या बढ़ी है। अनुवांशिक कारण से नवजात में भी थयराइड कैंसर मिल रहा है। जिन लोगों में थायराइड के कैंसर की समस्या है वे परिवार के सदस्यों की जेनेटिक प्रोफाइल करा लें जिससे समय से कैंसर होने का पता चल सकता है। वहीं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में केंसर ज्यादा है, थायराइड के 80 प्रतिशत मरीज महिलाएं हैं। इसमें दवाएं लेनी होती हैं, जिन मरीजों में कैंसर होता है, थायराइड का आकार बढ़ जाता है, उनकी सर्जरी कर थायराइड को निकाल दिया जाता है।
ज्यादा शराब पीने से पैंक्रियाज में सूजन
एमजेएम मेडिकल कालेज, औरंगाबाद के डॉ. राजेंद्र शिंदे ने बताया कि अत्यधिक शराब पीने से लिवर से ज्यादा नुकसान पैंक्रियाज को हो रहा है। इससे पैंक्रियाज में सूजन आ जाती है। इसका कोई इलाज नहीं है, इंसुलिन बनना कम हो जाता है। इसके ठीक ना होने पर शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होने लगते हैं और मरीज मल्टीपल आर्गन फेल्योर में चला जाता है इससे मौत तक हो जाती है।
उत्तर भारत में एक लाख में छह को पित्त की थैली का कैंसर
वाराणसी से आए डॉ. पुनीत ने बताया कि उत्तर भारत में पित्त की थैली और कैंसर की समस्या ज्यादा है। एक लाख लोगों में छह में पित्त की थैली का कैंसर मिल रहा है, इस क्षेत्र में पानी में हैवी मैटेरियल हैं, खानपान के कारण भी समस्या बढ़ रही है। पित्त की थैली के कैंसर की सर्जरी में लिवर का हिस्सा भी निकाल दिया जाता है