आगरालीक्स …Agra News : आगरा में यमुना के बाएं किनारे पर 2.55 किलोमीटर और दाएं किनारे पर 5.09 किलोमीटर डूब क्षेत्र का निर्धारण किया गया है। डूब क्षेत्र में निर्माण पर रोक है। डूब क्षेत्र में कॉलोनियों, अपार्टमेंट और फार्म हाउस बने हुए हैं इन पर संकट मंडराने लगा है। सरकार ने आगरा सहित यूपी के 17 जिलों में यमुना नदी के 1056 किलोमीटर लंबे पाट के दोनों ओर डूब क्षेत्र का निर्धारण कर दिया है।। ( Agra News : Notification of Yamuna submerged area in Agra & 16 other Distt of UP #Agra)
आगरा के पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यमुना नदी के डूब क्षेत्र को तय करने के लिए पिछले साल 11 सितंबर को आदेश जारी किए थे। दिसंबर में केंद्रीय जल आयोग ने रिसर्च इंस्टीटयूट और विशेषज्ञों की मदद से किए गए अध्ययन किया, इसमें असगरपुर से इटावा तक और शाहपुर से प्रयागराज तक यमुना नदी के डूब क्षेत्र का निर्धारण किया है। इसके बाद रिपोर्ट तैयार की। सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव ने केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के साथ एनजीटी में हलफनामा दाखिल किया है। इसमें यूपी में आगरा सहित 17 जिलों के डूब क्षेत्र की जानकारी दी गई है।
बाढ़ के आधार पर किया गया डूब क्षेत्र का निर्धारण
पिछले 100 साल में कई बार बाढ़ आई, बाढ़ के आधार पर यमुना नदी के डूब क्षेत्र को तय किया गया है। क्योंकि डूब क्षेत्र का निर्धारण न होने से निर्माण कार्य चल रहे थे और बाढ़ आने पर जहां मकान और अपार्टमेंट बन चुके हैं वहां पानी आ रहा था।
आगरा में डूब क्षेत्र में 5000 से अधिक निर्माण
आगरा में यमुना नदी 167 किलोमीटर लंबाई में बहती है। दयालबाग क्षेत्र में जगनपुर, मनोहरपुर, खासपुर से लेकर नगला बूढ़ी में 2010 में बाढ़ का पानी पहुंच गया था। इसके साथ ही बल्केश्वर, यमुना किनारा मार्ग पर बेलनगंज, रुनकता में बाढ़ का पानी भर गया था। यमुना के डूब क्षेत्र के लिए सिंचाई विभाग ने एक हजार से अधिक मुडिडयां यमुना डूब क्षेत्र में लगाई थी, लेकिन कोई स्पष्ट दिशा निर्देश तय नहीं हुए थे। डूब क्षेत्र में बनी कई कॉलोनी और अपार्टमेंट के नक्शे एडीए से स्वीक्रत हैं।
इन जिलों में डूब क्षेत्र का किया गया निर्धारण
आगरा, मथुरा , फिरोजाबाद, गौतम बुदृध नगर, अलीगढ़, हाथरस, इटावा, जालौन, औरेया, कानपुर देहात, फतेहपुर, कानपुर, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज।