आगरालीक्स… विजया एकादशी भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का व्रत है। इसे फाल्गुन मास की कृष्ण एकादशी को मनाया जाता है। एकादशी का व्रत धारण करने से न सिर्फ समस्त कार्यों में सफलता मिलती है, बल्कि पूर्व जन्म के पापों का भी नाश हो जाता है। आगरालीक्स में जानिए इस व्रत का महत्व।
नौ मार्च की है एकादशी
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान अलीगढ़ के अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य पं. हृदयरंजन शर्मा के अनुसार विजय एकादशी का व्रत मंगलवार 9 मार्च को रखना शुभ माना जाएगा। इस व्रत का पुण्य उस व्यक्ति को भी मिलता है ,जिसकी मृत्यु हो चुकी है। आप उसकी आत्मा की शांति या मोक्ष की कामना से यह व्रत धारण कर रहे हैं। कथा के अनुसार वनवास के दौरान जब भगवान श्रीराम को रावण से युद्ध करने जाना था तब उन्होंने भी अपनी पूरी सेना के साथ इस महाव्रत को रखकर ही लंका पर विजय प्राप्त की थी।
व्रत विधि
इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर उनकी धूप, दीप, पुष्प, चंदन, फूल, तुलसी आदि से आराधना करें, जिससे दोषों का नाश हो और मनोकामनाएं पूर्ण हो सकें। इस दिन तुलसी को आवश्यक रूप से पूजन में शामिल करें। भगवान की व्रत कथा का श्रवण और रात्रि में हरिभजन करते हुए उनसे दुखों का नाश करने की प्रार्थना करें। रात्रि जागकरण का पुण्य फल भी प्राप्त होता है। व्रत धारण करने से एक दिन पहले ब्रम्हचर्य धर्म का पालन करते हुए व्रती को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।