आगरा के मलपुरा के सराय सहारा गांव के रहने वाले कमल सिंह 22 साल ने चीन के
टाइसन विवि में वर्ष 2014 में एमबीबीएस में प्रवेश लिया था। कमल के पिता किसान रामवीर सिंह ने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए 20 बीघा खेत में से तीन बीघ्रा बेचकर पढाई की पहली किश्त 10 लाख रुपये जमा कर दी थी। कमल की बुआ का बेटा जजौला पफतेहपुर सीकरी निवासी राहुल और उसका चचेरा भाई रोहित भी टाइसन विवि से पढ रहा है। 11 अक्टूबर की रात को राहुल ने पफोन कर बताया कि कमल का एक्सीडेंट हो गया है और वह आईसीयू में भर्ती है। गुरुवार सुबह चाइना एयर कार्गो के पार्सल से दिल्ली शव पहुंचा। वहां उन्हें कमल के दो बैग, डेथ सार्टिपिफकेट और कूरियर के पेपर थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और दूतावास से संबंधित कागजात न होने पर परिजनों को बुआ के बेटे रोहित पर शव है। छात्र के शरीर पर ठोढी पर ही चोट का निशान था, इसके अलावा कहीं और कोई चोट का निशान नहीं था। शरीर नीला पडा हुआ था और शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया था। परिजनों ने आगरा में शव के पोस्टमर्टम की मांग करते हुए जयपुर हाईवे पर जाम लगा दिया। डीएम के आदेश पर रात को फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
50 लाख में एमबीबीएस का ठेका
रामवीर सिंह ने बताया कि दिल्ली में एक एजेंट ने 50 लाख में चीन से एमबीबीएस कराने के लिए कहा था। उसी एजेंट के माध्यम से राहुल और रोहित चीन से एमबीबीएस कर रहे हैं। इसके तहत हर साल 10 लाख रुपये देने थे।
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