आगरालीक्स…आगरा में दवाइयों की कोई कमी न हो, इसके लिए न दिन देखा न रात. दवाइयों की सप्लाई में जुटे रहे आगरा के ये व्यवसाई
कोरोनाकाल में जरूरी दवाओं की आपूर्ति की
कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को खूब परेशान किया. मरीज अस्पताल में परेशान तो तीमारदार उसके इलाज के लिए दर—दर भटक रहा था. कोई अपने मरीज के लिए अस्पताल में बेड की व्यवस्था में लगा था तो कोई अपने मरीज की जान बचाने के लिए आक्सीजन का खाली सिलेंडर लेकर प्लांट पर दौड़ लगा रहा था. कोरोना काल में जरूरी दवाओं की भी खूब जरूरत पड़ी. ऐसे में कई लोग ऐसे भी थे जो कि इस लहर में परेशानियों से जूझ रहे लोगों की मदद करने में लगे रहे. कई लोग जहां एनजीओ की सहायता से लोगों की मदद कर रहे थे तो कई ऐसे भी थे जो कि चुपचाप अपनी जिम्मेदारी को निभाए जा रहे थे. आगरा के मुकेश कुमार गर्ग भी ऐसे ही एक नाम हैं, जिन्होंने कोरोनाकाल में लोगों की मदद करने के लिए न दिन देखा और न रात. बस अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहे.
न दिन देखा और न रात, बस अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे
आगरा के रहने वाले मुकेश कुमार गर्ग ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का काम करते हैं. मुकेश गर्ग अपने व्यवसाय के जरिए दवाओं की आपूर्ति करते हैं. वे वर्ष 1968 से इस काम में लगे हुए हैंं और इन्होंने वेस्टर्न यूपी में दवाओं की सप्लाई का काम जारी रखा है. मेरठ से लाकर पूरे आगरा शहर में दवाओं की आपूर्ति इनके द्वारा ही की जाती है. वे बताते हैं कि कोरोना काल में जब लोगों को दवाओं की अधिक जरूरत थी तो ऐसे में हम लोगों ने न दिन देखा न रात. आगरा शहर के हर मेडिकल स्टोर, हर दवाओं के थोक विक्रेता और हर अस्पताल में जरूरी दवाओं की आपूर्ति की. मुकेश कुमार गर्ग का कहना है कि हम अपने काम के जरिए भी लोगों की मदद कर सकते हैं. बस उसके लिए हमें अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा. हम लोगों ने कोरोना काल में जितनी भी जरूरी दवाओं की जरूरत थी उनकी आपूर्ति की है. इसके लिए दिन रात दवाओं की सप्लाई की गई है.
आगरा के पुलिसकर्मियों के लिए भी की मदद
मुकेश कुमार गर्ग पहले से ही समाजसेवा के काम से जुड़े हुए हैं. इस समय वह आगरा की सात—आठ संस्थाओं के साथ काम कर रहे हैं. हाल ही में इन्होंने गर्ग गुड्स कैरियर और आगरा फार्मा की तरफ से कोरोनाकाल में जिम्मेदारी निभा रहे पुलिसकर्मियों की सहायता के लिए मास्क, सेनेटाइजर, हैंडवॉश आदि का वितरण किया है. हम लोगों ने थाना हरीपर्वत और फिर उसके बाद सभी पुलिसकर्मियों के लिए एसएसपी से मिलकर उन्हें ये सामान भेंट किया है. मुकेश कुमार गर्ग का कहना है कि कोविड संक्रमण का जो महाकाल चल रहा है उसमें जितनी हेल्प या समाजसेवा हमसे हो जाए वो ज्यादा बैटर है.
बेटा निखिल भी निभा रहा जिम्मेदारी
मुकेश कुमार गर्ग के बेटे निखिल गर्ग भी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में लगे हुए हैं. निखिल कुमार पिछले दो साल से फीडिंग इंडिया नाम की एनजीओ से जुड़े हुए हैं. इसके जरिए वो सुबह और शाम को आगरा में भूखे पेट लोगों को खाना खिलाने के लिए निकलते हैं. निखिल गर्ग ने इसके लिए एक हलवाई भी बुक कर लिया है जो कि सुबह और शाम दोनों टाइम खाना बनाता है. निखिल कुमार गर्ग सुबह सात बजे और रात को 8 बजे के बाद अपनी कार से गरीब लोगों को भोजन बांटने के लिए जाते हैं. ये वो पिछले दो साल से लगातार कर रहे हैं. उनके इस काम में पिता मुकेश कुमार गर्ग का भी सहयोग है. मुकेश कुमार गर्ग का कहना है कि अब बेटा निखिल गर्ग भी इसी राह पर चल रहा है तो ये देखकर अच्छा लगता है. वहीं निखिल गर्ग का कहना है कि पिता मुकेश कुमार गर्ग का मेरे इस काम में पूरा साथ रहा है. उन्होंने मुझे इस काम को करने के लिए बढ़ावा ही दिया है.