आगरालीक्स…(3 August 2021 Agra News) आगरा में डॉक्टरों ने बताया ‘भारत में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में मौतें होती हैं’ इनमें 69.32% युवा गंवाते हैं जान. Save Self—Save One थीम से प्रशिक्षण दे रही इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन
सेव सेल्फ—सेव वन के रूप में मनाया जा रहा राष्ट्रीय अस्थि एवं जोड़ दिवस
वर्ष 2012 से हर साल 4 अगस्त को राष्ट्रीय अस्थि और जोड़ दिवस मनाया जा रहा है. यह विभिन्न सामाजिक गतिविधियों को उजागर करने के लिए है, जिनकी योजना इस वर्ष के लिए बनाई गई है. 1 अगस्त से 7 अगस्त तक हर साल पूरे देश में सप्ताह भर की गतिविधियों का आयोजन किया गया है. वर्ष 2021 के लिए इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने थीम के रूप में सेव सेल्फ—सेव वन दिया गया है. इस वर्ष का फोकस भारत में आघात और दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों पर है. इसी के तहत आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की नई सर्जरी बिल्डिंग में आगरा आर्थोपेडिक सोसाइटी की ओर से इसको लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई.
दुर्घटना के पहले घंटे में प्राथमिक इलाज न मिलने पर होती हैं अधिकांश मौतें
डॉ. सीपी पाल, डॉ. संजय धवन, डॉ. संजय प्रकाश, डॉ. वीके गुप्ता और डॉ. अनुपम गुप्ता ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि अधिकांश मौतें दुर्घटना के बाद के पहले सुनहरे घंटे में प्राथमिक चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण होती हैं. दुर्घटना के तुरंत बाद उचित प्राथमिक उपचार प्रदान करके दुर्घटना पीड़ितों के जीवन को बचाया जा सकता है जो कि किसी भी आम आदमी या पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदान किया जा सकता है. अगर उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए.
स्टूडेंट्स, पुलिसकर्मियों, लोगों को प्रशिक्षण देगा इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन
डॉक्टरों ने बताया कि दुर्घटना के तुरंत बाद उचित प्राथमिक चिकित्सा व बुनियादी जीवन समर्थन की यह कड़ी गायब है. हमने इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन में 1 अगस्त से 7 अगस्त 2021 तक अस्थि और जोड़ सप्ताह के दौरान एक लाख छात्रों, पुलिस कर्मियों, आम आदमी को प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें जीवन रक्षक बनाने का निर्णय लिया है. यह प्रशिक्षण पूरे आगरा में इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन मूल निकाय और इसके सहयोगी यूपी ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन एवं आगरा ऑर्थोपेडिक सोसाइटी के सदस्यों द्वारा प्रदान किया जाएगा. साथ ही उन्हें हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत कैसे रखा जाए, इस बारे में शिक्षित किया जाएगा.
- ये भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं
- विश्व सड़क सांख्यिकी 2018 में रिपोर्ट किए गए 199 देशों में सड़क यातायात दुर्घटना में हुई मौतों के मामले में भारत पहले स्थान पर है. इसके बाद चीन और अमेरिका का स्थान है. कैलेंडर वर्ष 2019 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा कुल 4,49,002 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। जिसमें से 1,51,113 लोगों की जान गयी एवं 4,51,361 व्यक्ति घायल हुए।
- 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के युवा वयस्कों में लगभग 69.3 प्रतिशत सड़क दुर्घटना के शिकार होते हैं। कुल सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 18 से 60 के कामकाजी आयु वर्ग की हिस्सेदारी 84.3 प्रतिशत थी।
- कुल दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में पुरुषों की संख्या 86 फीसदी थीए जबकि 2019 में महिलाओं की हिस्सेदारी 14 फीसदी के आसपास रही