आगरालीक्स..(15 December 2021 Agra News) आगरा में चिकित्सा विज्ञान और आध्यात्म के समन्वय पर हुई एक अनूठी मुहिम. अस्पताल में हुआ भगवद्गीता का प्रसार…
आत्म ज्ञान नहीं तो कल्याण नहीं: सुशांत प्रभु
चिकित्सा विज्ञान और आध्यात्म के समन्वय की एक अनूठी मुहिम उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल में शुरू हुई है। यहां मरीजों, उनके साथ आने वाले तीमारदारों, डाॅक्टरों और नर्सिंग स्टाॅफ के लिए माह में एक बार आध्यात्मिक कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। श्री-श्री जगन्नाथ मंदिर, ईस्काॅन के सुशांत प्रभु जी ने मंगलवार को अस्पताल में गीता ज्ञान का प्रसार किया। डाॅक्टरों, स्टाॅफ, मरीजों और तीमारदारों के लिए एक विशेष कक्षा आयोजित हुई। सुशांत प्रभु जी ने कहा कि प्रायः लोग ज्ञान का तात्पर्य भौतिक शिक्षा से समझते हैं, जो जितना पढ़ा-लिखा है, जिसे संसार की जितनी अधिक वस्तुओं और बातों की जानकारी है उसे उतना ही अधिक ज्ञानी मान लेते हैं। लेकिन आध्यात्म और आत्म ज्ञान की प्राप्ति के बिना कल्याण नहीं है।
इंसान को आत्मा के ज्ञान की आवश्यकता
आज संसार में मन से जुड़ी समस्याएं अधिक हैं। यही स्थिति अर्जुन की हुई थी जब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें आत्म ज्ञान कराया। असल मायनों में आज इंसान को आत्मा के ज्ञान की आवश्यकता है। जीवन के वास्तविक मूल्य भी इसी ज्ञान से पूर्ण होंगे। प्रभु जी ने कहा कि जीवन में चार असली समस्याएं हैं जन्म, मृत्यु, जरा, व्याधि लेकिन इनसे जुड़ी शिक्षा हमें नहीं दी जाती। इसी ज्ञान को आत्मा का ज्ञान कहा जाता है। इसके अलावा हमें जो भौतिक ज्ञान प्राप्त हुआ है उस ज्ञान को पाकर भी इंसान संतुष्ट नहीं है। जिसके पास कुछ नहीं है उसे होने की चाह है, जिसके पास थोड़ा है उसे ज्यादा की चाह है, जिसके पास ज्यादा है उसे सबसे ज्यादा की चाह है।
डॉ. जया पंचैली ने भी दी जानकारी
यूएसए से आईं डा. जया पंचैली ने भी प्राकृतिक और आध्यात्मिक तौर तरीकों से अपना स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखने के बारे में जानकारी दी। कहा कि ईश्वर का ध्यान इस संसार की सबसे अच्छी पैथी या चिकित्सा पद्धति है। इस अवसर पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. राजीव लोचन शर्मा, आईसीयू के डा. पंकज भाटिया आदि मौजूद थे। इसके बाद सुशांत प्रभु जी ने अस्पताल के डायरेक्टर डा. जयदीप मल्होत्रा और डा. नरेंद्र मल्होत्रा से मुलाकात की और विज्ञान और आध्यात्म के सम्मिश्रण से होने वाले लाभ पर चर्चा की।