आगरालीक्स...( घुमक्कड़ी)..., आगरा से काशी विश्नाथ मंदिर, मां विंध्यवासिनी, मिर्जापुर, संकटमोचन मंदिर, गंगा आरती के साथ साथ खरीदारी, मित्र मिलाप और स्वादिष्ट भोजन, 36 घंटे की ट्रिप। डॉ. योगेश बिंदल की जुबानी। आगरा के लीलावती हॉस्पिटल, आवास विकास कॉलोनी के डॉ. योगेश बिंदल ने पत्नी डा. अलका बिंदल ओर बेटे एकाक्ष के साथ 36 घंटे की ट्रिप प्लान की। डॉ. योगेश बिंदल के अनुसार, ट्रिप के लिए मिनट टू मिनट प्रोग्राम तैयार किया गया। लिचवी एक्सप्रेस से छह जुलाई यानी गुरुवार को सुबह छह बजे वाराणसी जंक्शन स्टेशन पर उतरे। यहां टैक्सी इंतजार कर रही थी, उससे सितारा होटल में पहुंच गए। सुबह चाय टोस्ट का नाश्ता करने के बाद सुबह आठ बजे बाबा काशीविश्नाथ के दर्शन करने के लिए निकल गए। आनलाइन टिकट बुक कराई, वीआईपी गेट से लिया प्रवेश सुबह 8.30 बजे बाबा काशीविश्नाथ मंदिर में पहुंच गए। आनलाइन टिकट बुक थी, वीआईपी गेट नंबर चार से प्रवेश किया लेकिन उसी समय वीआईपी के कारण दर्शन रोक दिए गए थे। मंदिर परिसर में बैठने की जगह है, बाबा काशीविश्नाथ कॉरीडोर में बैठकर उनका ध्यान किया, स्क्रीन पर रुद्राभिषेक के दर्शन किए। यहां हमें दक्षिण में स्तिथ सबसे प्राचीन मठ श्रृंगेरी कांची मठ के मठाधीश वर्तमान शंकराचार्य स्वामी भारती कृष्णतीर्थ जी का सानिध्य मिला। इसके बाद बाबा काशीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया एवं रुद्राभिषेक व दर्शन किए। दर्शन करने के बाद वीआईपी गेट से बाहर निकले, प्रसिद्ध लक्ष्मी चाय वाले के यहां सफेद लोनी मक्खन टोस्ट एवं मलाई चीनी टोस्ट के साथ चाय की चुस्कियां ली सुबह का नाश्ता कचोरी चने के झोल के साथ का आनंद लिया। यहां से बाबा काशीविश्वनाथ के कोतवाल भैरव बाबा के दर्शन करने के लिए सकरी गलियों में होते हुए पहुंचे और दर्शन किए। वहां से होटल लौट आए। दोपहर एक बजे मिर्जापुर के लिए कार से निकले दोपहर एक बजे कार से विंघ्यांचल मिर्जापुर में मां मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए निकल गए। 2.30 बजे मंदिर में पहुंच गए, यहां पंडित जी ने गर्भगृह में दर्शन कराए। पंडित जी से पहले से परिचय था। धूप सिर पर थी और लंच का समय हो गया था वैष्णव भोजनालय में लंच किया । दोपहर 3.30 बजे वाराणसी के लिए कार से चल दिए। संकटमोचन मंदिर में दर्शन किए 4.45 बजे साकेत कॉलोनी वाराणसी स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर पर पहुंच गए, यहां दर्शन किए, यहां आमने सामने दो मंदिर हैं, हनुमान जी के मंदिर के सामने ही राम दरबार है। प्रसाद भी कई तरह का है जैसे खोए की बर्फी अखरोट का लड्डू मेवे वाले बेसन का लड्डू आदि। यहां दर्शन करने के बाद नजर गई बनारसी पान की दुकान पर पान खाया। मित्र मिलाप भी किया जोली ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई के सीनियर अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश पारीक वाराणसी में रहते हैं, इन्होंने ही हमारी शादी भी कराई थी। उन्हें फोन किया तो पता चला कि वे गैलेक्सी हास्पिटल में हैं, वहां उनसे मुलाकात की। कालेज से लेकर किस तरह से डॉ. अलका बिंदल से उनकी धर्मपत्नी ने हमारी बात कराई और शादी हुई की बातें हुई। खरीदारी भी खूब की, चाट का आनंद लिया इसके बाद बनारस की सिल्क की साड़ी, कुत्ते की खरीदारी के लिए बाजार में निकल गए। खरीदारी करते हुए काशी चाट की दुकान पर पहुंचे, कई तरह की चाट के साथ ही कुल्फी और फालूदा का आनंद लिया। गंगा आरती में हुए शामिल गर्मी और उमस के बीच सीधे दसामेघ घाट पहुंचे। यहां रात सात बजे स्नान किया। रात 7.30 बजे से रात आठ बजे के बीच गंगा आरती में शामिल हुए। अब ट्रेन का समय भी होता जा रहा था। 10 बजे ट्रेन थी, खाना पैक करा लिया। रात 9.50 बजे मगध एक्प्रेस में बैठ गए। सुबह सात बजे टूंडला स्टेशन पर उतर गए, वहां से अपने घर आ गए, बड़े भाई उदय बंसल जी की दुकान बीकानेर स्वीट हाउस पर नास्ता किया।