Agra News: A beautiful staging of Narsi Leela took place in Agra. Kanha saved the devotee’s honor by giving Bhaat…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में नरसी लीला का हुआ मनोहरी मंचन. भात देकर कान्हा ने रखी भक्त की लाज. गोशाला में गूंजे श्रीकृष्ण के जयघोष
श्रीकृष्ण लीला समिति द्वारा गौशाला में आयोजित श्रीकृष्ण लीला महोत्सव में जम कर भक्ति का रस बरस रहा है। रविवार को भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरसी का भात देने की लीला का मनमोहक मंचन किया गया। यहां मंचन की गई लीला में दिखाया गया कि नरसी मेहता भगवान कृष्ण के भक्त हैं। उनकी भाभी ध्रुत गौरी नास्तिक हैं। एक बार ध्रुत गौरी, पति बंशीधर से झगड़ा कर लेती हैं। उसी समय घर पहुंचे नरसी, भाभी से पानी मांगते हैं। क्रोधित भाभी नरसी को घर से भगा देती हैं। जंगल में घूमते समय नरसी को भगवान शंकर दर्शन होते हैं और वे वरदान मांगने को कहते हैं। उनके कोई वर न मांगने पर भगवान शंकर नरसी व स्वयं को गोपी बनाकर वृंदावन के निधिवन में महारास दर्शन को ले जाते हैं।
महारास देख नरसी इतना ध्यानमग्न हो जाते हैं कि अपने हाथ में थामे मशाल को भूल जाते हैं और स्वयं भी नृत्य करने लगते हैं और जलती हुई मशाल से जल जाते हैं। यह देख भगवान कृष्ण स्वयं नरसी से मशाल लेकर फेंक देते हैं। शंकर जी के बताने पर कृष्ण प्रसन्न होकर नरसी को वीणा और घुंघरू देकर कहते हैं कि जब भी तुम पैर में घुंघरू बांधकर वीणा से केदार राग गाओगे तब मैं प्रकट हो जाऊंगा। नरसी की पुत्री रामाबाई को भी पुत्री का जन्म होता है। बड़ी होने पर रामाबाई की पुत्री का विवाह होता है तो वह पिता को पत्र लिख कर भात मांगती है। रामाबाई का पत्र मिलने पर नरसी बहुत दु:खी होता है कि गरीबी के कारण नातिन को भात कैसे पहनाऊंगा। यही सोचकर नरसी वह पत्र भगवान कृष्ण की मंदिर में चरणों में रख देते हैं। नरसी, पुत्री के विवाह में जाते हैं।
रास्ते में उनकी गाड़ी टूट जाती है, जिसे श्री कृष्ण भगवान बढ़ई का रूप बनाकर ठीक करते हैं। नरसी की बहन नरसी को खाली हाथ देखकर वापस जाने को कहती हैं और निराश होकर नदी में डूबने जाने लगती है। इस पर भगवान कृष्ण सांवलशाह बनकर रामाबाई को बचाते हैं और कहते हैं कि मैं भात की सारी सामग्री लाया हूं। रामाबाई वापस घर आती है। धूमधाम से भात पहनाया जाता है। इस लीला के अंत में आरती उतारने वालों में ओम शिव धाम आश्रम, खंदौली के देवेश पचौरी, दिनकर बंसल, राजकुमार खेतान, कन्हैया लाल, अनिल अग्रवाल, राजीव बिंदी, प्रदीप अग्रवाल, अंशुल बंसल, श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, विजय रोहतगी, शेखर गोयल, अशोक गोयल, ब्रजेश अग्रवाल, पूर्व पार्षद गिर्राज बंसल, पीके मोदी, आशु रोहतगी, आलोक गोयल, केसी अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, अजय गुप्ता आदि मौजूद रहे।