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Agra News : Chaubisi Manstambh Pratishtha Panchkalyanak Mahotsav in Agra #Agra
आगरालीक्स ..Agra News : आगरा में छह दिवसीय चौबीसी मानस्तंभ प्रतिष्ठा पंचकल्याणक महोत्सव
आगरा के शमशाबाद रोड स्थित बरौली अहीर के श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर बगदा में छह दिवसीय श्री मजिंनेंद्र चंद्रप्रभु जिनविंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं चौबीसी मानस्तंभ महामहोत्सव का शुभारंभ विशाल घटयात्रा एवं रथयात्रा के साथ हुआ। ( Agra News : Chaubisi Manstambh Pratishtha Panchkalyanak Mahotsav in Agra #Agra)
गर्भकल्याणक पूर्वरूप के पहले दिन मेडिटेशन गुरु उपाध्यायश्री विहसंत सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य में राहुल विहार स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से पंचकल्याणक महोत्सव की घटयात्रा एवं रथयात्रा सुबह निकाली गई| घटयात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं केसरिया साड़ियों में मांगलिक द्रव्य से भरे मंगल कलश रखकर चल रही थीं,वही भक्त श्रीजी की प्रतिमा को रथ में विराजमान कर उपाध्यायश्री ससंघ के साथ जयकारें लगाते हुए चल रहे थे| घटयात्रा में भगवान के माता-पिता, सौधर्म इंद्र,कुबेर इंद्र,महायज्ञ नायक, यज्ञनायक,ईशान इंद्र,सानत इंद्र,महेंद्र इंद्र,ब्रह्मम इंद्र,ब्रह्ममोतर इंद्र,लांतव, कापिषठ इंद्र,शुक इंद्र,महाशुक इंद्र, शतार इंद्र,स्वरूप बग्घियों में सवार थे| इसके अलावा अष्टकुमारी,आठ लोकांतिक देव,दस अखंड सौभाग्यवती,56 कुमारिया और बाल सखा झांकियां में सवार थे|घटयात्रा एवं रथयात्रा में एक रथ,किशोर बैंड कमल बैंड,करन बैंड,सुधीत बैंड, चौबीस बागी और साथ में ढोल नगाड़े आठ झांकियां कई घोड़े ऊंट आकर्षण का केंद्र रहे|इस घटयात्रा एवं रथयात्रा की व्यवस्था नमोस्तु शासन संघ छीपीटोला एवं आचार्य विद्यासागर नवयुवक मंडल राहुल विहार द्वारा देखी गई| घटयात्रा एवं श्रीजी रथयात्रा राहुल विहार जैन मंदिर से शुरू होकर विभिन्न मार्गो से होती हुई आर.पी.जैन कृषि फार्म हाउस बगदा में बने मुख्य पंडाल पर पहुंची।
दोपहर से पंचकल्याणक महोत्सव में बने सभी पात्रों के इंद्र इंद्राणियों ने उपाध्यायश्री विहसंत सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य एवं युगल प्रतिष्ठाचार्य डॉ अभिषेक जैन शास्त्री एवं डॉ आशीष जैन के निर्देशन में सकलीकरण इंद्र प्रतिष्ठा नदी विधान,मंडपप्रतिष्ठा, मंडलोंद्वार, जाप अनुष्ठान,श्रीजी का अभिषेक,शांतिधारा,यागमंडल विधान एवं सभी मांगलिक क्रियाएं संपन्न कीं| कार्यक्रम के मध्य में उपाध्यायश्री विहसंतसागर ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि पंचकल्याणक भगवान बनने की प्रक्रिया है।जिसमें पाषाण मंत्रों से परमात्मा बन जाते हैं| श्रीजी की मंगल आरती,शास्त्रसभा सौधर्म इंद्र की सभा,अलंकरण रत्नवृद्धि एवं गर्भकल्याण की आंतरिक क्रियाएं संपन्न की गई|