आगरालीक्स…आगरा में आटो में सफर करना ही जानलेवा नहीं, इनके पीछे चलना भी खतरनाक. हाथ मिलते ही आटो मोड़ देते हैं चालक…
आगरा के अंदर आटो में सफर करना ही जानलेवा नहीं होता बल्कि इनके पीछे चलना भी खतरनाक होता है. हाइवे हो या फिर मुख्य मार्ग, आटो चालक जिस हिसाब से चलते हैं वह काफी जोखिमभरा होता है. सवारियों का हाथ मिलते ही आटो चालक बिना कुछ सोचे समझे अपने आटो को मोड़ देते हैं, ऐसे में इनके पीछे चलने वाला अन्य वाहन चालकर खासकर दोपहिया वाहन चालक अपना बैलेंस खो देते हैं. ऐसा नजारा आपको हर जगह हर रास्ते पर देखने को मिल जाएगा. चौराहे को क्रॉस करने में भी ये तेजी दिखाते हैं. इसके अलावा चौराहों पर कहीं पर भी आटो को खड़ा कर देते हैं. आगरा के कई चौराहे ऐसे हैं जहां आटो का जमघर आड़ा तिरछा लगा रहता है. खासकर रामबाग चौराहा, भगवान टाकीज चौराहा, सिकंदरा और रुनकता चौराहा, हाइवे के इन चौराहों पर आटो चालक बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हैं. इससे जाम की भी स्थिति पैदा होती है. कई बार यातायात पुलिस द्वारा अभियान भी चलाया जाता है लेकिन कुछ दिनों बाद वही स्थिति हो जाती है. वहीं ई रिक्शा चालकों की भी अपनी अलग स्थिति है. न इंडीकेटर होता है और न ही स्पीड पर नियंत्रण. कहीं भी कभी भी सवारी मिलते ही ये भी रुक जाते हैं.
आगरा में आटो चालकों की मनमानी से सभी वाकिफ हैं. आटो चालक एक बार में 7 से 8 सवारी लेकर चलते हैं. नियम में तो पीछे तीन या चार सवारी बैठ सकती हैं लेकिन आगरा में आटो चालक पीछे चार सवारी और आगे आटो चालक के साथ तीन सवारियां और बैठती हैं. आगे बैठने वाली सवारियां अक्सर लटकी हुई होती हैं लेकिन आटो चालक इतने से कम सवारियां लेकर आगे बढ़ते नहीं है. रामबाग चौराहा हो या फिर टेढ़ी बगिया, भगवान टाकीज चौराहा हो या फिर सिकंदरा चौराहा, हर जगह आटो चालकों की यही स्थिति है. एमजी रोड पर आटो प्रतिबंधित हैं लेकिन यहां ई—रिक्शा चालकों की भी यही स्थिति है.
रात को चालान, सुबह फिर वही ढर्रा
गुरुद्वारा का ताल पर हुए हादसे के बाद पुलिस ने रात में अभियान चलाया, लेकिन सुबह फिर से सब कुछ पुराने ढर्रे पर चलता दिखाई दिया. आटो और डग्गामार वाहनों में मनमाने तरीके से सवारी ढोई जा रही हैं. आज सुबह से ही पहले की तरह आटो वाले मानकों को दरकिनार कर सात-सात सवारी बिठाते हुए दिखे.