Wednesday , 12 March 2025
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Agra news: “Census Data Research Workstation” started in the DBRA university, Agra

आगरालीक्स…आगरा में यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को अब शोध, शोध पत्र लेखन और अन्य जानकारी के लिए डाटा खोजने के लिए भटकना नहीं होगा. विवि में शुरू हुआ “सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन”

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के लिए विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें अपने शोध, शोध पत्र लेखन या अन्य जानकारी के लिए डाटा खोजने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। विश्वविद्यालय के पालीवाल पार्क परिसर स्थित केन्द्रीय ग्रंथालय में सोमवार को जनगणना कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश व भारत सरकार, गृह मंत्रालय के सहयोग से “सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन” की शुरुआत हो चुकी है, जहां से वह देशभर के सत्यापित डाटा को न सिर्फ एकत्र कर सकेंगे, बल्कि उनका निश्शुल्क प्रयोग भी कर पाएंगे। इसके काम के लिए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी और निदेशक जनगणना कार्य शीतल वर्मा (आईएएस) ने सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन की शुरुआत की।

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों के अंतर्गत स्थापित होने वाला यह तृतीय तथा प्रदेश में स्थापित होने वाला पंचम “सेन्सस डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन” है। कुलपति प्रो. आशु रानी एवं शीतल वर्मा (आईएएस), निदेशक, जनगणना कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश ने सेंसस डाटा रिसर्च वर्कस्टेशन के स्थापना के लिए समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए एवं वर्कस्टेशन का शुभारम्भ किया।

“सेन्सस डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन” स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य शिक्षण संस्थाओं, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों तथा डाटा यूजर को लाभान्वित करने के साथ अनुसंधान को प्रोत्साहित करना है। जनगणना के सूक्ष्म स्तर के आंकड़े बहुपयोगी एवं विकासपरक नीतियों के निर्माण, उनके अनुश्रवण तथा योजनाओं के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस रिसर्च वर्कस्टेशन पर जनगणना 1991-2011 की सभी प्रकाशित जनगणना तालिकाएँ एवं आंकड़े सॉफ्ट कॉपी में शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं। इस वर्कस्टेशन से आंकड़ा प्रयोगकर्ता जनगणना संबंधी विभिन्न सूक्ष्म स्तर के आंकड़ों को अपने अध्ययन एवं शोध हेतु सुगमता से प्राप्त कर सकते है। यह वर्कस्टेशन शोधकर्ताओं को व्यवस्थित अनुसंधान के लिए जनगणना के माइक्रो-डेटा तक पहुंच प्रदान करके भारत की आबादी के सामाजिक-आर्थिक-जनसांख्यिकीय संदर्भ का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है।

कुलपति ने बताया कि इस समझौते से विश्वविद्यालय का अनुसंधान पक्ष अधिक मजबूत होगा। अधिक से अधिक समाजोपयोगी शोध को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कि सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में सहायता होगी। यह विकसित भारत के हमारे स्वप्नों के लिए जरूरी है। नये पाठ्यक्रमों का निर्माण कर इस विश्वविद्यालय ने ‘‘विकसित भारत’’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस पर आधारित शोध के परिणाम हमारे आसपास के जीवन में बदलाव ला सकते हैं।

वर्कस्टेशन के शुभारंभ के लिए शीतल वर्मा (आईएएस), निदेशक जनगणना ने विश्वविद्यालय की कुलपति तथा रजिस्ट्रार का आभार व्यक्त किया एवं बधाई देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि वर्कस्टेशन से आंकड़ा प्रयोगकर्ता जनगणना संबंधी विभिन्न सूक्ष्म स्तर के आंकड़ों को अपने अध्ययन एवं शोध हेतु सुगमता से प्राप्त कर सकते हैं। आंकड़ों के सही प्रयोग एवं अध्ययन से वह देश, प्रदेश एवं स्वयं के जीवन को नई दिशा एवं दशा देंगे, ऐसा विगत अनुभव से सिद्ध हुआ है । वर्कस्टेशन शिक्षा एवं समाज दोनों के लिए ही बहुपयोगी होगा । विद्यार्थियों को करीब 38 हजार से अधिक सारणी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।

कुलपति प्रो. आशु रानी ने निदेशक, जनगणना कार्य, भारत सरकार का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य के शिक्षा एवं ज्ञान की हृदयस्थली आगरा में वर्क स्टेशन की स्थापना के लिए विश्वविधालय का चयन किया जाना गौरव का क्षण है। यह विश्वविधालय शिक्षा सामाजिक अध्ययन एवं शोध हेतु सदैव अग्रणी रहा है। कुलपति ने आश्वस्त किया कि विश्वविधालय में स्थापित होने वाला वर्कस्टेशन अपने उद्देश्य को शत-प्रतिशत पूर्ण करने में सफल होगा। इस वर्कस्टेशन से आसपास के जिलों के शिक्षण संस्थानों, महाविद्यालय, शोध संस्थानों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों एवं अन्य डाटा उपयोगकर्ता भी लाभान्वित होंगे। साथ ही सांख्यिकी, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, समाजविज्ञान समेत अन्य विषयों के विद्यार्थियों को एक ही स्थान पर सारा सत्यापित डाटा आसानी से एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगा। इससे नए विद्यार्थी भी शोध और अनुसंधान के क्षेत्र की ओर प्रेरित होंगे । साथ ही इस डाटा की सहायता से शोधार्थी जो नए साक्ष्य संकलित करेंगे, उन्हें केंद्र व राज्य सरकार के पास नीति निर्धारण के लिए भेजा जा सकेगा।

इस काम को सुगमता से कराने के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च प्रो. बी.पी. सिंह. डीन अकादमिक प्रो. संजीव कुमार, कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रो. अनिल गुप्ता और सेंटर कोआर्डिनेटर के लिए में श्री जयप्रकाश सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। इस अवसर डा. एसएस शर्मा, संयुक्त निदेशक, डा. रितुल कमल, उप निदेशक एवं दिव्या जैन, उप निदेशक, जनगणना कार्य के साथ-साथ विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. अजय तनेजा, कुलसचिव राजेश कुमार समेत समस्त अधिष्ठातागण, अधिकारीगण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण तथा वर्कस्टेशन के नोडल अधिकारी प्रो. यू. सी. शर्मा, लाइब्रेरियन प्रो. विनीता सिंह, प्रो. संजय चौधरी, जय प्रकाश सिंह, डा. के के केसरवानी एवं डा. सुनील उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

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