आगरालीक्स…आगरा के चिकित्सक दंपत्ति के कार्यों को फीगो ने भी सराहा. पेरिस में डाॅ. जयदीप मल्होत्रा, डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा और डाॅ. नीहारिका मल्होत्रा को कोविड कार्यों के लिए मिला विशेष प्रोत्साहन
पेरिस कन्वेंशन सेंटर, फ्रांस में 09 से 12 अक्टूबर तक चली स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों की सबसे बड़ी फीगो वल्र्ड कांग्रेस-2023 में आगरा से शामिल के चिकित्सक दंपति डाॅ. जयदीप मल्होत्रा, डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा और डाॅ. नीहारिका मल्होत्रा द्वारा कोविड में किए गए कार्यों को विशेष रूप से सराहा गया। वहीं चिकित्सकों ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए किए जा रहे कार्यों को प्रस्तुत किया।
इंटरनेशनल डायरेक्टर सेफाॅग और उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल के निदेशक डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा ने सेफाॅग के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक विशेष सत्र को संबोधित किया। इस सत्र में विभिन्न देशों में मातृ मृत्यु दर से संबंधित वार्तालाप हुई। डाॅ. नरेंद्र ने कहा कि पहले की तुलना में भारत में मातृ मृत्यु दर में 70 प्रतिशत तक कमी आई है। वर्ष 1998 में जहां प्रत्येक एक लाख जन्म पर 398 माताओं की मृत्यु हो जाती थी वहीं अब वर्ष 2023 में यह घटकर 97 प्रति लाख पर आ गई है। यह वर्ष 2030 तक इसे न के बराबर करने का संकेत है। वर्तमान सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने बहुत ठोस कदम उठाए हैं। देश भर में सड़कों की स्थिति में सुधार से भी मातृ मृत्यु दर काफी कम हुई है। इसके अलावा निजी और सरकारी क्षेत्र में संस्थागत प्रसव बढ़ गए हैं। इससे सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। इतना ही नहीं सरकार ने निजी क्षेत्र के अस्पतालों की भागीदारी से स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने, एनीमिया की रोकथाम, संक्रमण को रोकने, महिलाओं को जागरूक बनाने जैसी दिशा में भी कदम उठाए हैं।
वाइस प्रेसीडेंट एजूकेशनल डाॅ. जयदीप मल्होत्रा ने एंडोमेट्रियम में नए विकल्पों, आरईआई पर जानकारी देते हुए कहा कि मानव प्रजनन में उच्चतम स्तर की देखभाल, उत्कृष्ट शिक्षा और उन्नत अनुसंधान जिसमें महिलाअ और पुरूष बांझपन सहायक प्रजनन तकनीक, बार-बार गर्भावस्था को नुकसान, पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस शामिल है। इसके अलावा डाॅ. जयदीप और डाॅ. नरेंद्र ने कई अहम विषयों को उठाया और महत्वपूर्ण तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता की। भारत में कोविड के दौरान उनके अस्पताल उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल में गर्भवतियों के लिए कोविड नियंत्रण के सभी मानकों का पालन करते हुए उपचार जारी रखने, प्रसव कराने और सामाजिक जागरूकता की दिशा में काम करने के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया गया।
फाॅग्सी वाईटीपी कमेटी की चेयरपर्सन डाॅ. नीहारिका मल्होत्रा ने कई महत्वपूर्ण सत्रों को संबोधित किया। इसमें महिलाओं की अनकही समस्याएं, गर्भावस्था के दौरान काउंसलिंग की जरूरत, एनीमिया के प्रबंधन जैसे अहम मुद्दे शामिल थे। इस सम्मेलन में दुनिया भर से 8000 चिकित्सक शामिल हुए थे। तीनों ही चिकित्सकों ने पांच शोध पत्र भी प्रस्तुत किए।