आगरालीक्स…आगरा में मोमोज, चाउमीन और गोलगप्पे वाले सड़कों पर फैला रहे गंदगी. 2.69 लाख रुपये जुर्माना लगा. सबसे ज्यादा यहां फैली मिली गंदगी
सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलाने वाले दुकानदारों के प्रति नगर निगम सख्त कदम उठा रहा है। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर ऐसे दुकानदारों के प्रति लगातार अभियान चला कर चालान की कार्रवाई की जा रही है। जुलाई माह में ही गंदगी फैलाने वाले ऐसे दुकानदारों से जुर्माने के रुप में 2.69 लाख की राशि वसूल की गयी है।
स्वच्छ सर्वेक्षण- 2024 के मद्देनजर नगर निगम शहर की स्वच्छता और सुंदरता को लेकर संजीदा है। जहां दुकानदारों को गीले व सूखे कचरे के लिए डस्टविन रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है वहीं सड़कों के किनारे वॉल पंेटिग्स आदि कराई जा रही है। लगातार दुकानदारों और ठेल धकेल वालों को सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है कि निकलने वाले कचरे के लिए डस्टविन जरुर रखें। स्वच्छता कारपोरेशन के वाहनों को कूड़ा निस्तारण के लिए देकर स्वच्छता अभियान में अपना योगदान दें। इसके बावजूद तमाम दुकानदारों के द्वारा इस ओर ध्यान न देकर कचरे को सार्वजनिक स्थलों पर फैंक दिया जा रहा है।
इस पर नगर निगम की टीमें लगातार जुर्माने की कार्रवाई कर रही हैं। अगर जुलाई माह के ही आंकड़ों पर एक नजर डाली जाए तो हरीपर्वत जोन जिसमें सेंट जोंस कॉलेज से लेकर न्यू आगरा, भगवान टाकीज दीवानी,हरीपर्वत से लेकर दयालबाग से लेकर यमुना तक का इलाका आता है में गंदगी फैलाने वाले दुकानदारों और ठेल धकेल वालों पर सर्वाधिक 1.82 लाख का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा लोहामंडी वार्ड में साढ़े नौ हजार, छत्ता वार्ड में 33 हजार से अधिक और ताजगंज जोन में 47 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया है।
हर जोन में रखे गये 25-25 वार्ड
शहर के सौ वार्ड में से हर जोन में पच्चीस पच्चीस वार्ड रख्ेा गये हैं। हर जोन पर एक जेडएसओ और सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों की टीम सार्वजनकि स्थलों पर गंदगी फैलाने वाले दुकानदारों पर नजर रख रही है। ये टीमें लगातार दुकानदारों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करते हुए सूखे व गीले कचरे के लिए डस्टविन रखने की अपील कर रहे हैं। इसके अलावा नगर निगम के सहयोगी एनजीओ भी इस कार्य में हाथ बंटा रहे हैं।
कारोबारी खुद रखें दुकानों पर डस्टबिन
जेडएसओ राजीव बालियान के अनुसार 2018 से पूर्व नगर निगम की ओर से लाखों की संख्या में हर वार्ड में हरे और नीले रंग की दो दो डस्टविन बांटी गई थीं। इनमें एक में गीला व दूसरी में सूखा कचरा रखना होता था। लेकिन उत्तर प्रदेश सोलिडवेस्ट नियमावली 2023 में संशोधन के बाद सरकार की ओर से डस्टविन बांटने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद घरों व दुकानों पर कचरे के लिए स्वयं ही डस्टविन रखना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर पांच सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चालान का प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में दुकानदार डस्टविन का उपयोग नहीं कर रहे ।
इस संबंध में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल का कहना है कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। दुकानदार कूड़े को नाली या घरों के बाहर फेंकने के बजाय डस्टबिन में डालें। इस कार्य में सभी का सहयोग जरुरी है