आगरालीक्स…मेरी मां की आंखों से दो लोगों को रोशनी मिलती है तो इससे बड़ा पुण्य नहीं हो सकता. आगरा के एसएन में कार्निया रिट्रीवल प्रोग्राम के तहत हुआ पहला नेत्रदान..
पुतली के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या के सापेक्ष केवल voluntary नेत्रदान पर्याप्त नहीं है. इसे देखते हुए नेत्रविभाग की आईबैंक प्रभारी डा शेफाली मज़ूमदार और मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मृदुल चतुर्वेदी ने हॉस्पिटल कॉर्निया रिट्रीवल प्रोग्राम प्रारंभ करने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया. इसमें डॉ. मनीष बंसल, डॉ. अजीत चाहर एवम रेज़िडेंट डाक्टर्स ने भाग लिया. बैठक में तैयार रूपरेखा के आधार पर डॉ. शेफाली मजुमदार के निर्देशन में नेत्र विभाग और मेडिसिन विभाग के रेज़िडेंट्स एवम ग्रीफ काउंसलर दीपक शर्मा के आपसी समन्वय और प्रयासों से पहले सप्ताह के अंदर ही मंजू जैन (जो उपचाराधीन थी, की मृत्यु के उपरांत उनके पुत्र विशाल जैन ने नेत्रदान के लिए स्वीकृति प्रदान की और कहा कि अगर उनके मां के नेत्रदान से दो लोगों को रोशनी मिलती है तो इससे बड़ा पुण्य का कार्य नहीं हो सकता.

इस मौके पर डॉ. मृदुल चतुर्वेदी ने कहा कि मेरे लिए हर्ष का विषय है कि एसएनएमसी से हॉस्पिटल कॉर्निया रिट्रीवल मेरे विभाग से प्रारंभ हुआ. मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम इस कार्य को सफलता से आगे बढ़ाएंगे. इस मौके पर प्रधानाचार्य ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि हमे उम्मीद है कि अब हम नेत्रदान और पुतली प्रत्यारोपण के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगे और मेडिसिन डिपार्टमेंट और आई बैंक के आपसी समन्वय की प्रशंसा की. इस अवसर पर प्रिंसिपल प्रो. प्रशांत गुप्ता के साथ टीम एचसीआरपी प्रो. मृदुल चतुर्वेदी, डॉ. शैफाली मजूमदार, डॉ. सीपी गौतम, डाू. जतिन, डॉ. श्रेया, डॉ. अर्पित, डॉ. आरुषि और ग्रीफ काउंसलर दीपक शर्मा मौजूद रहे.