आगरालीक्स…एक चार साल की बच्ची की मात हो गई, सिर्फ इसलिए कि उसे समय पर ऑक्सीजन नहीं मिली. डेढ़ घंटे तड़पी भी…आगरा लाने से पहले तोड़ दिया दम
आज एक दुखभरी और शर्मनाक खबर सामने आई है. दुखभरी खबर इसलिए क्योंकि एटा से आगरा लाने से पहले ही एक चार साल की बच्ची की एंबुलेंस में मौत हो जाती है, शर्मनाक इसलिए क्योंकि बच्ची की मौत ऑक्सीजन के अभाव में हुई है और वो डेढ़ घंटे तक तड़पती भी रही. बुखार से पीड़ित इस मासूम को एटा के वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. पहले औक्सीन की पाइपलाइन में लगा बॉल्व धोखा दे गया और बाद में आगरा ले जाने के लिए दो एंबुलेंस में आक्सीजन नहीं मिली. तीसरी एंबुलेंस आने पर उसे आगरा इलाज के लिए भेजा गया लेकिन यह देरी बच्ची की मौत बन गई. आगरा आने से पहले रास्ते में ही बच्ची ने दम तोड़ दिया.
एटा के निधौली कलां के गांव नगला फकीर की रहने वाली चार साल की बेटी मन्नू पुत्री मुकेश कुमार को बुखार आया था. शनिवार सुबह छह बजे इसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया तो यहां चिकित्सकोंने बच्ची को बुखार और निमोनिया बताया. जूनियर रेजीडेंट डॉ. शिवम ने बीमार बच्ची का उपचार किया लेकिन इलाज के दौरान बच्ची के मुंह से झाग निकलने लगे. इस पर दोपहर करीब एक बजे बच्ची को बेड पर ले जाकर पाइपलाइन से आक्सीजन लगा दी गई लेकिन लाइन का बॉल्व खराब था जिसकी वजह से बच्ची को आक्सीजन नहीं मिली. डेढ़ घंटे बाद बच्ची को दूसरे बेड पर आक्सीजन मिली और इसके बाद उसे आगरा के लिए रेफर कर दिया.
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आगरा ले जाने के लिए एक एंबुलेंस बुलाई गई लेकिन उसमें आक्सीजन नहीं थी. दूसरी एंबुलेंस को फोन कर बुलाया गया लेकिन उसमें भी आक्सीजन नहीं थी. तीसरी एंबुलेसं को बुलाकर साढ़े तीन बजे बच्ची को आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के लिए भेजा गया लेकिन आगरा पहुंचने से पहले ही बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत से परिवार में कोहराम मच गया. मृतका का भाई अखिलेश ने बताया कि ऑक्सीजन समय पर मिल जाती तो उसकी बहन की जान बच जाती. वहीं इस मामले में एंबुलेंस नेाडल अधिकारी डॉ. सतीश नागर ने बताया कि एंबुलेंस में आक्सीजन नहीं पाई गई है तो मामला गंभीर है. जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.