आगरालीक्स…आगरा के बुजुर्ग अब एकाकी जीवन नहीं जी रहे हैं. इन्होंने अपना गोल्डन एज ग्रुप बनाया है. व्हाट्सअप ग्रुप पर शेयर करते हैं खुशी के पल…
पारिवारिक जिम्मेदारियां उठाने की भाग दौड़ में पूरा जीवन लगा देने वाले बुजुर्ग जीवन की संध्या में अकेलेपन का शिकार होते हैं। जिन बच्चों को कामयाब बनाने के लिए के लिए रात दिन मेहनत की उनके पास अपने बुजुर्ग माता-पिता के लिए वक्त नहीं है। बुजुर्गों के इस एकाकीपन को दूर कर उन्हें भावनात्मक संबल देने का काम कर रहा है ताज नगरी का गोल्डन एज ग्रुप। वरिष्ठ नागरिकों के इस ग्रुप की हर माह बैठक होती है। इस बार बुधवार को डॉक्टर मल्होत्रा दंपती के आवास पर बैठक हुई जिसमें बजट, पर्यावरण और शिक्षा के मु्द्दे पर चर्चा की गई। ग्रुप के परिवार में भी इजाफा हो गया। इससे चार सदस्य और जुड़ गए।
प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि गोल्डन एज ग्रुप का अपना एक वाट्सएप ग्रुप है जिसके जरिए हमेशा एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। गोल्डन एज ग्रुप की प्रेरणा डॉक्टर आरएम मल्होत्रा हैं। उनका सूत्र वाक्य है, मिलते-जुलते रहो है। इससे आपसी बाॅन्डिंग मजबूत होती है। जरूरत पड़ने पर सदस्यों से वीडियो कॉल कर हालचाल लेते रहते हैं। यही नहीं आर्थिक रूप से कमजोर सदस्य की बीमारी या अन्य जरूरत पर अन्य साथी मदद करने के लिए हमेशा हाथ बढ़ाते हैं।
अमिताभ बताते हैं कि उम्र के आखिरी पड़ाव में आदमी को अकेलेपन से गुजरना पड़ता है। खालीपन के कारण उनमें डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। एकाकीपन में सुख की अनुभूति के लिए हर माह सभी एकत्रित होते हैं और ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हैं। अपना मनोरंजन कविता सुनाकर, गीत गुनगुना कर करते हैं। उस समय ऐसे लगता जैसे गुजरा वक्त लौट आया हो। यह माहौल कुछ समय के लिए सारे गम भुला देता है। ग्रुप के सदस्य अपने दुख दर्द साझा करते हैं। एक दूसरे को कविता और चुटकुले सुनाते हैं। अपने समय के पुराने किस्से एक दूसरे से शेयर करते हैं। इतना ही नहीं ग्रुप के लोग सदस्यों के घरों पर जाकर उनका हाल-चाल लेने जाते हैं।
भारतीय संस्कृति में गुरुजनों और वरिष्ठ नागरिकों का हमेशा से सम्मान किया जाता रहा है। बचपन से ही संस्कारों की घुट्टी पिलाई जाती रही है। मगर जमाने ने अपने तेवर कुछ यूं बदले, आधुनिकता का एक नया सैलाब कुछ यूं उमड़ा कि वृद्धजन उसमें कहीं पीछे रह गए। रवि भूषण ने कहा कि चॉकलेट की कड़वाहट ही उसकी सुंदरता है।
बैठक में रेनबो आईवीएफ की एमडी जयदीप मल्होत्रा, आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर निहारिका मल्होत्रा, रेनबो आईवीएफ के डायरेक्टर और एंब्रियोलॅाजिस्ट डाॅक्टर केशव मल्होत्रा, शशि शिरोमणि, राजीव गुप्ता लोकस्वर, शांति स्वरूप गोयल, डाॅक्टर भारती अरविंद, ध्रुव बंसल, रवि भूषण, विष्णु शरद मेहरा, वंदना शिरोमणि, मित्तल, मीरा अमिताभ, एचपी बंसल आदि उपस्थित थे।