आगरालीक्स…आगरा के एसएन में “साइको न्यूरो फिजियोलॉजी” पर दी जाएगी जानकारी. देशभर के मेडिकल कॉलेजों से 250 विशेषज्ञ डॉक्टर्स होंगे शामिल…
एसएन मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग और एसोसिएशन आफ फिजियोलॉजिस्ट द्वारा 27 मार्च से “साइको न्यूरो फिजियोलॉजी” विषय पर एक विशेष शैक्षणिक व वैज्ञानिक आयोजन किया जा रहा है. इसमें एक दिवसीय कार्यशाला और दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सम्मिलित हैं. इस आयोजन में देशभर के चिकित्सा महाविद्यालयों से लगभग 200 से 250 विशेषज्ञ डॉक्टरों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
तनाव और चिंता विकार को स्पष्ट करेगी न्यूरो फिजियोलॉजी
साइको न्यूरो फिजियोलॉजी एक बहुआयामी और उभरती हुई चिकित्सा शाखा है जो मानव मस्तिष्क की संरचना, न्यूरल नेटवर्क्स और उनकी मानसिक प्रक्रियाओं व व्यवहार पर प्रभाव को समझने पर केंद्रित है। यह सम्मेलन मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरोलॉजिकल विज्ञान के बीच की खाई को पाटने का एक सशक्त प्रयास है। इसका सीधा प्रभाव उन समस्याओं पर पड़ेगा जो आज की तेज रफ्तार जीवनशैली में आम होती जा रही हैं जैसेः तनाव (Stress) और चिंता विकार (Anxiety Disorders): न्यूरो फिजियोलॉजी यह स्पष्ट करती है कि तनाव की स्थिति में लिम्बिक सिस्टम और हाइपोथैलेमस कैसे व्यवहारिक और हार्मोनल बदलाव उत्पन्न करते हैं।
मनोवैज्ञानिक रोगों की समझः अवसाद (Depression) पैनिक डिसऑर्डर, PTSD और साइकोसिस जैसे रोगों की गहराई को समझने में न्यूरो नेटवर्क्स की भूमिका अहम है।
व्यवहार में परिवर्तन और निर्णय क्षमताः यह विज्ञान यह स्पष्ट करता है कि प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, एमिगडाला और हिप्पोकैम्पस हमारे निर्णय लेने, याद रखने, और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने की प्रक्रियाओं को कैसे प्रभावित करते हैं।
शिक्षा एवं स्मृतिः कैसे मस्तिष्क नई जानकारी ग्रहण करता है, उसे संग्रहित करता है और ज़रूरत पर वापस बुलाता है-इन पहलुओं पर आधारित अध्ययनों से शिक्षण तकनीकों और विशेष शिक्षा (special education) में सुधार संभव है।
योग एवं ध्यान का न्यूरो फिजियोलॉजिकल प्रभावः EEG और EMG जैसे उपकरणों से यह सिद्ध किया जा रहा है कि योग व ध्यान से मस्तिष्क में सकारात्मक तरंगों और हार्मोनल स्थिरता का सृजन होता है, जिससे मानसिक शांति, ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि होती है। यह सम्मेलन एक मंच प्रदान करेगा जहाँ मनोचिकित्सक, न्यूरोलॉजिस्ट, फिजियोलॉजिस्ट, और मेडिकल छात्र मिलकर व्यवहारिक विकारों, मानसिक बीमारियों और उनकी न्यूरो बायोलॉजिकल जड़ों पर चर्चा करेंगे जिससे समग्र चिकित्सा (Holistic Medicine) की ओर ठोस कदम उठाये जा सकें । डॉ प्रशान्त गुप्ता डीन एवं प्रधानाचार्य ने आकांक्षा व्यक्त की है कि यह कांफेस साइकोलोजी एवं न्यूरोलोजी से संबंधित विज्ञान को एक नई दिशा प्रदान करेगी।
इस अवसर पर डा. ऋचा श्रीवास्तव (प्रोफेसर) एवं विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी विभाग, डा दिव्या श्रीवास्तव (प्रोफेसर), डा आशुतोष भारद्वाज (प्रोफेसर), डा गौरव सिंह (प्रोफेसर), सह आचार्य डा शिप्रा चन्द्रा, सहायक आचार्य डा निधि यादव एवं डा शुभांगी गोयल है।