Saturday , 15 March 2025
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Agra News: Knee transplant done with the help of robotic technology at Sarvodaya Hospital…#agranews

आगरालीक्स…आगरा में रोबोट के ज़रिये घुटना प्रत्यारोपण की अत्याधुनिक विधि के बारे में दी गई जानकारी. सर्वोदय हॉस्पीटल ने विश्व में पहली बार लिगामेंट को बनाए रखते हुए टोटल रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण करने की क्षमता विकसित की

आगरा (टूंडला) के 61 वर्षीय कपूर चंद वर्मा के लिए बिना सहारे चलना मुश्किल था। ज्यादा चलने पर दर्द और दैनिक कार्यों में तकलीफ मानों जीवन का हिस्सा बन गए थे। लेकिन 27 अप्रैल को एक्टिव जॉइंट रिप्लेसमेंट रोबोट के ज़रिये घुटनों का रोबोटिक बाइलेटरल टोटल नी रिप्लेसमेंट के बाद अब उन्हें चलने के लिए किसी सहारे की जरूरत नहीं। सर्वोदय हॉस्पिटल फरीदाबाद के रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सेंटर के एच.ओ.डी एवं डायरेक्टर डा. सुजॉय भट्टाचार्जी ने एक्टिव क्यूविस जॉइंट रोबोट सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिसमे विशेष रूप से विकसित सॉफ्टवेयर है। जिससे एक ही सिटिंग में दोनों घुटनो की सर्जरी की जा सकती है | कपूर चंद रेलवे में असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। मरीज की स्थिति को देखते हुए डॉ.सुजॉय भट्टाचार्जी ने एक्टिव रोबोट सिस्टम का उपयोग करके दोनों घुटनों का रिप्लेसमेंट करने का निर्णय लिया।

संजय प्लेस स्थित होटल पीएल पैलेस में ऑपरेशन की जानकारी देते हुए डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी ने बताया कि सर्जरी की तैयारी में घुटनों का एक नॉन-कंट्रास्ट सीटी स्कैन किया गया और जरुरी बोन-कट और इम्प्लांट साइज पर फैसला किया। यह जानकारी वास्तविक सर्जरी से पहले रोबोट में डाली गई। सर्जरी के दौरान रोबोट द्वारा बड़ी सटीकता के साथ हड्डियों को काटा गया, जिससे गलती की संभावना कम हो गई। इस सर्जरी की खासियत यह थी कि सर्जरी रोबोट के द्वारा किए जाने पर भी डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी मरीज के घुटने के लिगामेंट (क्रूशिएट्स) को बनाए रखने में कामयाब रहे। सर्जरी के कुछ ही घंटों बाद कपूर चंद अपने आप चलने में सक्षम हो गए। वह अब दर्द-मुक्त है और बिना किसी समस्या के नियमित कार्य करने में सक्षम है।

उन्होंने आगे कहा, ” पारंपरिक तरीके के मुकाबले रोबोट द्वारा की गई सर्जरी के बड़े फायदे हैं। इनमें इम्प्लांट पोजिशनिंग की बेहतर सटीकता, मानवीय त्रुटि या सॉफ्ट-टिशू इंजरी की बहुत कम संभावना, अधिक ऑपरेटिव सटीकता और सर्जरी के बाद कम दर्द एवं रोगी का शीघ्र स्वास्थ्य वापसी शामिल है। सर्जरी में मरीज के घुटने के लिगामेंट को सुरक्षित रखने की क्षमता के कारण हम दुनिया से एक कदम आगे निकल गए हैं। क्योंकि अब तक ऐसी सर्जरी संभव नहीं थी |

सर्वोदय हॉस्पिटल के मेडिकल एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. सौरभ गहलोत ने डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी को सफल ऑपरेशन की बधाई देते हुए बताया कि “हम चाहते है कि हम फरीदाबाद के निवासियों की भाँति Agra vasiyon को भी बेहतरीन ईलाज रियायती दरों पर उपलब्ध करवा सकें इसलिए हम आधुनिक मेडिकल तकनीक के साथ अनुभवी डॉक्टरों को अपने हॉस्पिटल का हिस्सा बना रहे है | इस प्रकार के ऑपरेशन का सफल होना हमें हमारे विजन का सार्थक होना दर्शाता है |”

एक्टिव जॉइंट रिप्लेसमेंट रोबोट के ज़रिये घुटनों का रोबोटिक बाइलेटरल टोटल नी रिप्लेसमेंट कराने वाले 61 वर्षीय कपूर चंद वर्मा व अन्य मरीजों के साथ डॉक्टर्स

क्या है लिगामेंट
आगरा। “क्रूशिएट्स” दो क्रॉस-आकार के लिगामेंट होते है जो घुटने के सामने और पीछे की तरफ मौजूद होते हैं और जांघ की हड्डी को पिंडली की हड्डी से जोड़ते हैं। पारंपरिक रोबोट की सहायता से की जाने वाली सर्जरी में दोनो लिगामेंट्स को निकालना पड़ता है, जिसके कारण मरीज़ को कृत्रिम घुटने के बदले जाने जैसी एक अप्राकृतिक भावना के साथ रहना पड़ता है।

क्यों जरूरी है लिगामेंट का बचाए रखना
डॉ. सुजॉय भट्टाचार्जी, एच.ओ.डी एवं डायरेक्टर, रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सेंटर, सर्वोदय हॉस्पिटल, सेक्टर 8, फरीदाबाद का कहना है कि ” कुल घुटने के रिप्लेसमेंट में एक या दोनों घुटने के लिगामेंट को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह घुटने को एक प्राकृतिक एहसास देता है और स्थिर करने में मदद करता है। मरीजों को उनके ऑपरेटेड घुटने पूरी तरह से प्राकृतिक लगते हैं, जिससे वे भूल जाते हैं कि वे घुटने के रिप्लेसमेंट के साथ जी रहे हैं | यह एक अवधारणा है जिसे ‘फॉरगॉटन नी’ कहा जाता है। पारंपरिक रोबोटिक सर्जरी से किए गए नी रिप्लेसमेंट के साथ यह संभव नहीं है जो आज-कल मरीजों पर किया जाता है। हम दुनिया के पहले हॉस्पिटल हैं जिसने क्रूशिएट को बनाए रखते हुए टोटल रोबोटिक नी ट्रांसप्लांट करने की क्षमता विकसित की है।”

ऐसे होता है ऑपरेशन
घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में घुटने के खराब हिस्से को हटा कर एक अर्टिफिशियल जोड़ से बदल दिया जाता है। क्यूविस जॉइंट रोबोट टोटल नी रिप्लेसमेंट के दौरान डॉक्टर मरीज की व्यक्तिगत सर्जरी की प्री-प्लानिंग के लिए उसके जोड़ की 3डी इमेज का इस्तेमाल करता है। मरीज के लिए अर्टिफिशियल जोड़ का चयन करने और उसे सही ढंग से डालने के लिए डॉक्टर रोबोट का उपयोग करता है। पूरी तरह से सक्रिय रोबोट डेटा को समझता है और एक अनुभवी सर्जन की देखरेख में प्री-सर्जरी प्लानिंग स्टेज के दौरान तय किए गए डायमेंशन के अनुसार हड्डी को ठीक से काटता है। इसकी मदद से मरीज को बेहतर परिणाम मिल पाते हैं |

रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के फायदे :
1) सर्जरी से पहले 3D व्यक्तिगत योजना बनाने की सुविधा
2) सब मिलीमीटर कृत्रिम जोड़ का सटीक विस्थापन
3) सब मिलीमीटर तक की सटीकता
4) जल्द रिकवरी
5) न्यूनतम रक्तस्त्राव

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