आगरालीक्स ….आगरा के कपल जिनके घर किलकारी नहीं गूंजी है, इसका कारण जान लें, पिछले 10 सालों में पुरुषों के कारण निसंतानता बढ़ी है। आगरा के मोरफिअस आईवीएफ इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर, 103 ओल्ड विजय नगर कॉलोनी, के विशेषज्ञों ने निसंतानता और आईवीएफ पर विस्तार से चर्चा की।
मां बनना एक खूबसूरत अहसास होता है लेकिन अक्सर कई कारणों से कुछ महिलाओं को सही समय पर मातृत्व का सुख नहंी मिल पाता. कुछ पुरुषों में भी ऐसी समस्या देखने को मिलती हैं. कई बार तो 40 वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी दंपत्ति निःसंतानता का दंश झेलते रहते हैं. भारत में सदियों से देखा जाता है कि जब भी किसी दंपत्ति की संतान नहीं होती तो सबसे पहले पत्नी को दोषी ठहराया जाता है और उसे निःसतान कहकर ताने दिए जाते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में निःसंतानता के मामले बढ़े हैं. इसके पीछे तेजी से हो रही शहरीकरण, तमाम रासायनों का प्रयोग, तनाव, जरूरत से ज्यादा काम, तेज लाइफ स्टाल और देर से शादी होना बड़े कारण हैं.
निःसंतानता के कारण
शादी के लगभग 10 से 15 फीसदी जोड़ों को गर्भधारण करने में परेशानी आती है. हालांकि इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मोटे तौर पर 30 फीसदी मामलों में कमी पुरुष में होती है और अन्य 30 फीसदी मामलों में कमी महिला में होती है. जैसे महिलाओं में अंडे का न बनना, ट्यूब की ब्लॉकेज, गर्भाश्य का बाहर होना या गर्भाशय में ट्यूमर का होना, जबकि पुरुषों में यह शुक्राणु की कमी, जलवायु या बहुत अधिक धूम्रपान-नशा करने से होती है.

गर्मी है हानिकारक
ऐसे व्यक्ति जो सीधे गरम वातावरण के संपर्क में रहते हैं, तभा काम करते हैं.
बचपन में दें ध्यान
बच्चों में देखें कि दोनों या अण्डकोष थैली में हैं या नहीं अन्यथा कभी-कभी अण्डकोष एक अथवा दोनों थैली में नीचे नहीं आते हैं तथा शरीर की गर्मी से अंडकोष खराब हो जाते हैं.
जुक फूड से रहे दूर
जंुक फूड, रसायन मिश्रित खा़ पदार्थों, फास्ट फूड का ज्यादा सेवन करने से शुक्राणुओं की मोटिलिटी में कमी आती है.
न रखें जेब में मोबाइल
मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन तथा निरंतर पैरों पर लैपटॉप रख कर काम करने वाले पुरुषों में भी शुक्राणुओं की कमी तथा निःसंतानता का खतरा है.
नशे से रहें दूर
व्यसन-शराब धूम्रपान एवं अन्य कोई नषा करने पर भी स्पर्म कम हो जाते हैं.
सही उम्र में करें शादी
उम्र ज्यादा बढ़ जाने से स्पर्म की संख्या व गुणवत्ता में कमी आ जाती है.
मोटापे से बचें ओर वजन संतुलित रखें.
मृत शुक्राणु व धीमी गति
पुरुषों में शुक्राणु की गति धीमि होने की वजह से वह अण्डे को निषेचित करने में असमर्थ होते हैं, इस स्थिति में इक्सी तकनीक ऐसे पुरुषों के लिए वरदान साबित हुई हैं. मृत शुक्राणु के लिए हाइपो ऑस्मेटिक स्वेलिंग तकनीक के माध्यम से जीवित शुक्राणु का चयन किया जाता है व इक्सी के माध्यम से उनको अण्डे में निषेचित कर भ्रूण तैयार किया जाता है.
शुक्राणु की जांच कराएं
स्पर्म मोटिलिटी, स्पर्म काउंट, स्पर्म मोफीलोजी, स्पर्म वाईटेलिटी, शुक्राणु की गुणवतता, वीर्य की उच्च स्तरीय जांच, संक्रमण होने पर कल्चर की जांच, पुरुष हारमोन्स के स्तर की जांच, एंटीबॉडीस के स्तर की जांच, डीएनए फेगमेंटेशन टेस्ट, कोरियाटाइप जांच
शादी के दो-तीनसाल बाद भी संतान न होने पर दंपत्ति आईवीएफ जैसी तकनीक अपना सकते हैं. इसकी सफलता दर काफी बढ़ गई है. यह बहुत सी समस्याओं में कारगर साबित हुई है.
उम्र के साथ शुक्राणु कम होने पर विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
शुक्राणु की जांच अत्याधुनिक माइक्रोस्कोप व प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन की देखरेख में करानी चाहिए.
आईयूआई, आईवीएफ, इक्सी तकनीक में दम्पत्ति की सफलता भ्रूण वैज्ञानिक पर ज्यादा निर्भर करती है.
अत्याधुनिक उपकरणें से सुसज्जित लैब व अनुभवी भ्रूण वैज्ञानिक सफलता दर बढ़ाने में सहायक है.
प्रक्रिया का चुनाव उचित विशेषज्ञ की सलाह में ही करना चाहिए. प्रक्रिया का चुनाव इस पर भी निर्भर करता है कि पति-पत्नी में किस तरह की कमी पाई गई है.
समय के साथ आईवीएफ की सफलता दर काफी बढ़ गई है लेकिन जो दम्पत्ति मां-बाप बनने की चाहत रखते हैं. वे अच्छी सफलता दर के लिए अनुभवी चिकित्सक एवं नवीनतम आईवीएफ लैब वाले आईवीएफ सेन्टर का चुनाव करें, हमारे यहां इण्डो-जर्मन तकनीक द्वारा उपचार किया जाता है जो कि नवीनतम और अत्याधुनिक तकनीक है.
डॉक्टर विवेक अग्रवाल, एमबीबीएस,एमडी (ऑब्स एण्ड गायनी), आर्ट (सिंग), एफआईआरएटी, कोर फर्टिलिटी स्पेशिलिस्ट
पताः मोरफिअस आईवीएफ इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर, 103 ओल्ड विजय नगर कॉलोनी, विजय नगर पुलिस चौकी के सामने, सुल्तानगंज आगरा फोन 0562 4044999, 7520114545, 9105104545