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Agra News: Modulation and computer language work to simplify mathematical calculations and make them better…#agranews
आगरालीक्स…गणितीय गणनाओं को आसान कर उसे और बेहतर बनाने का काम करती है मॉड्यूलिंग और कंप्यूटर लैंग्वेज. विवि में हुई मॉड्यूलिंग और कंप्यूटर लैंग्वेज पर हुई वर्कशॉप.
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद परिसर स्थित गणित विभाग के सेंटर अॉफ एक्सीलेंस में दो दिसवीस राष्ट्रीय कार्यशाला शुक्रवार से प्रारंभ हो गई। मॉड्यूलिंग और कंप्यूटर लैंग्वेज विषय पर आयोजित कार्यशाला में विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. आशु रानी ने भविष्य की आवश्यकताओं को समझते हुए विज्ञान के क्षेत्र में एकसाथ दो विषय में पारंगत होने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
उनका कहना था कि आज नेनो टेक्नोलॉजी से भी ऊपर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का युग है। इसमें सिर्फ एक विषय से अब कुछ नहीं होने वाला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आपको विभिन्न विषय को पढ़ने और उसमें पारंगत होने का अवसर प्रदान करती है। ऐसे में विज्ञान ही नहीं, किसी भी विधा के साथ यदि आप अपने कंप्यूटर लैंग्वेज या मॉड्यूलिंग जैसे नवाचारी विषयों में में भी पारंगतता प्राप्त कर ली, तो आपकी सफलता और उपयोगिता का प्रशिक्षत दो गुना तक बढ़ जाएगा। आज समस्याएं चारों ओर हैं, लेकिन पूछ उन्हीं की होती है, जो समस्याओं का समाधान तलाशते हैं। इन नई तकनीकों के माध्यम से समस्याओं की गणना कर उनके निष्कर्ष तक पहुंचना आसान हो जाता है, ऐसे में उसका समाधान भी आसानी से खोजा जा सकता है।
अहमदाबाद के गुजरात विश्वविद्यालय के प्रो. आर.एम. पटेल ने गणितीय मॉड्यूलिंग और रील वर्ल्ड विषय पर विचार रखे, उनका कहना था कि रील और रीयल वर्ल्ड भिन्न है, लेकिन गणितीय गणनाओं को आसान कर उसे और बेहतर बनाने में कंप्यूटिंग लैंग्वेज और मॉड्यूलिंग बहुत अहम भूमिका निभा सकती है। पूर्व कुलपति प्रो. सुंदरलाल ने गणित विभाग की शैक्षिक धरोहर यहां से पढ़कर विश्वभर में अपनी धाक जमा रहे विद्यार्थियों के बारे में बताया। साथ ही सेंटर आफ एक्सीलेंस की उपयोगिता और विद्यार्थियों से अपेक्षा पर भी विचार रखे।
प्रो. संजय चौधरी ने विषय के बारे में जानकारी दी। बताया कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न विद्वान क्वांटम कंप्यूटिंग, एसपीएसएस समेत विभिन्न गणितीय मॉडल की जानकारी दी। कार्यशाला समन्वयक प्रो. संजीव कुमार ने बताया कि आज एक विषय से विद्यार्थियों का भला नहीं होने वाला। भविष्य मल्टीटास्किंग का है। विज्ञान का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं। गणितीय मॉडल्यूलिंग व कंप्यूटर लैंग्वेज को अपनाकर एक नए विषय की विशेषतज्ञा प्राप्त की जा सकती है।