Agra News: Monkeys attacked two female tourists who came to see the Taj Mahal…#agranews
आगरालीक्स…ताजमहल देखने आई दो महिला पर्यटकों पर बंदरों ने किया हमला. काट खाया. बंदरों की समस्या को लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचा है मामला..जानें आगरा में कितने हैं बंदर
आगरा में आवारा कुत्तों के आतंक के कुछ मामले हाल ही में सामने आए हैं लेकिन अब ताजमहल पर बंदरों का उत्पात भी सामने आया है. रविवार को ताजमहल देखने आई दो महिलाओं पर बंदरों ने हमला कर दिया. दोनों महिलाएं ताजमहल को देचखने के बाद निकल रही थीं कि तभी बंदरों ने उन्हें काट लिया. इससे दोनों महिलाएं दहशत में आ गईं. घटना रविवार शाम की है लेकिन सोमवार को इसका वीडियो सामने आया है. इसमें बंदरों के हमले से घायल महिला के साथ आया युवक घटना के बारे में बता रहा है. बता दें कि ताजमहल पर बंदरों के हमले की ये कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले कई विदेशी पर्यटक भी बंदरों के हमले से घायल हो चुके हैं.
हाईकोर्ट ने लिया जनहित याचिका में संज्ञान
”बंदरों के खतरे ने आगरा शहर को त्रस्त कर दिया है जहां पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बंदर समान रूप से परेशान करते पाए जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप निवासियों को गंभीर चोटें और कीमती सामान का नुकसान हो रहा है। कभी-कभी बंदरों के हमले के कारण युवा और वृद्धों की मौत हो गई। जनहित याचिका के माध्यम से न्यायालय के हस्तक्षेप से बन्दरों को दूर करना चाहते हैं क्योंकि विशेष रूप से इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अधिकारीगण इस समस्या के समाधान में विफल रहे हैं।“ यह बात न्यायमूर्ति प्रतींकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने अभी हाल में दिनांक 19 जुलाई को जनहित याचिका सं0 1207 वर्ष 2022 का संज्ञान लेते हुए अपने आदेश में कही। यह याचिका आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन एवं समाजसेवी प्रशान्त जैन द्वारा प्रस्तुत की गयी थी। न्यायालय ने राज्य सरकार एवं नगर निगम आगरा सहित बनाये गये 9 विपक्षीगण को नोटिस जारी करते हुए 17 अगस्त नियत की है।
बढ़ते बन्दर और दुःखद घटनायें
अधिवक्ता जैन द्वारा बताया गया कि जनहित याचिका में यह उल्लेख किया गया कि आगरा शहर में 30,000 से अधिक बन्दर हैं जिनकी संख्या पिछले दशक में काफी तेजी से बढ़ी है और बन्दर अब आगरा में बड़े-बड़े झुण्ड बनाकर घूमते हैं। बन्दरों के आक्रमण व उनके खाने से हजारों लोग घायल हो चुके हैं और अनेकों व्यक्तियों की मृत्यु भी हो गयी। नवम्बर 2018 में ग्राम रूनकता में बन्दर मां की गोद से बच्चे को छीनकर ही ले गया जिससे अबोध बच्चे की मृत्यु हो गयी। माईथान के हरीशंकर गोयल की मृत्यु बन्दरों के आक्रमण से जुलाई 2019 में हो गयी। मार्च 2020 में उस्मान बन्दरों के कारण अपनी छत से गिरकर मर गया। अक्टूबर 2020 में भी दो व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। इन सब अनेकों घटनाओं के बावजूद भी नगर निगम व वन विभाग बन्दरों की समस्या के समाधान के लिए कोई प्रभावी हल नहीं ढूँढ सका है। यही नहीं, बन्दर आये दिन विश्वदाय स्मारक ताजमहल में भी यात्रियों पर हमला कर देते हैं और बन्दरों की शिकार महिलाऐं व बच्चे अक्सर हो जाते हैं। जिला अस्पताल व एस.एन.मेडीकल कॉलेज में बन्दर के काटे लोग प्रतिदिन इलाज के लिए पहुंचते हैं। बन्दरों की खबर को मीडिया भी प्रमुखता से समय-समय पर प्रकाशित करती आयी है।