आगरालीक्स..आगरा के 380 होटलों पर बिना अनुमति जमीन से पानी लेने पर लगी पैनल्टी. एनओसी नहीं ली तो होगा एक्शन. भूगर्भ जल के लिए किया गया जागरूक
आवास, खेती, सेना व जल वितरण योजना के अलावा किसी व्यवसायिक कारण से भूगर्भ जल का प्रयोग किया तो भारी पैनल्टी भुगतनी पड़ सकती है। आगरा के 380 होटलों पर एनजीटी ने 17 अक्टूबर 2022 को 10-50 लाख तक की पैनल्टी लगाई थी, जिसकी रिपोर्ट प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड के माध्यम से 15 मई 2023 तक एनजीटी में जानी थी। परन्तु आगरा होटल एसोसिएशन द्वारा इसके अगेन्स्ट में एनजीटी में अपील की गई, जिसकी सुनवाई 12 अक्टूबर 2023 को होनी है।
दिल्ली की नीर संस्था द्वारा जागरूरता के उद्देश्य से आज होटल जेपी पैलेस में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें आगरा होटल एसोसेशन, लधु उद्योग भारती सहित कई संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। भूगर्भ जल के लिए एनओसी लेनी की प्रक्रिया के बारे वगत कराया।
संस्था के निदेशक दीपक जैन ने बताया कि आगरा होटल एसोसिएशन के आग्रह पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है। बताया कि भारत में भूगर्भ जल से सम्बंधिक सिर्फ 130 कन्सलटेंट हैं। बताया कि आगरा के 15 में से 11 ब्लॉक नोटीफाइड ब्लॉक में शामिल हैं। यानि यहां भूगर्भ जलस्तर व गुणवत्ता ठीक नहीं है। पश्चिम भारत के लगभग 80 फीसदी ब्लॉक नोटीफाइड सूची में शामिल हैं। इसलिए भागर्भ दोहन के साथ सका रीचार्ज भी जरूरी है। वह तभी सम्भव है जब एनओसी में लेने के समय जो सिनयम हैं उनका पालन किया जाए। संस्थों के पदाधिकारियों द्वारा इस बात पर सहमति जताई गई। जल्दी ही जूता व्यवसाय, सर्राफा व्यवसाय व असपताल संचालकों के साथ मीटिंग की जाएगी।
इस अवसर पर लघु उद्योग बारती के अध्यक्ष विजय गुप्ता, राजीव बंसल, सौरभ गुप्ता, होटल एसोसिएशन से राकेश चौहान, शांति स्वरूप, साजीव सेठी, अवनीश शिरोमणी, विजय कुमार गोयल, अनुज अशोक, अरविन्द शुक्ला के अलावा नीर की ओर से सौरभ जैन, गरिमा सिंह, डॉ. प्रशांत शर्मा आदि उपस्थित थे।
सिर्फ राज्य सरकार की ही एनओसी ही पर्याप्त है
आगरा। दीपक जैन ने बताया कि लोगों में वर्तमान एक्ट के अनुसार सिर्फ प्रदेश सरकार द्वारा ली गई एनओसी ही पर्याप्त है। 6 अक्टूबर 2020 के बाद से प्रदेश सरकार ही एनओसी दे रही है, जबकि इससे पहले सभी एनओसी केन्द्र द्वारा प्रदान की जाती थीं।