आगरालीक्स…आगरा में मेट्रो ट्रेन के लिए पहुंची पिट व्हील लेथ मशीन. सात अहम मशीनें आएंगी. जानिए क्या है पिट व्हील लेथ मशीन और क्या होगा इसका काम
डिपो परिसर में लगाई जाएंगी सात अहम मशीनें
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा मेट्रो ट्रेनों के रखरखाव हेतु विश्वस्तरीय डिपो का निर्माण किया जा रहा है। डिपो परिसर में मेट्रो ट्रेनों के निरंतर मेंटेनेंस के लिए सात अहम मशीन लगाई जानी हैं, जिसमें से प्रथम मशीन पिट व्हील लेथ सफलतापूर्वक लगाई जा चुकी है। पिट व्हील लेथ मशीन के जरिए मेट्रो ट्रेनों के पहियों का रखरखाव किया जाएगा। इसके बाद जल्द ही डिपो परिसर में अन्य मशीनें लगाने का काम किया जाएगा। यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि आगरा मेट्रो ट्रेन के आगमन के लिए तेज गति के साथ विश्विस्तरीय मेट्रो डिपो का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेपो परिसर में ट्रैक बिछाने के साथ मेट्रो ट्रेनों के रखरखाव के लिए विभिन्न मशीनें लगाने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में पिट व्हील लेथ को सफलतापूर्वक लगाया गया है।
बता दें कि यात्री सेवा के दौरान नियमित अंतराल पर कॉरिडोर में मेट्रो ट्रेनों का आवागमन होता है। इस दौरान ट्रेनें हर स्टेशन पर रुकती हैं, जिससे बार-बार ट्रेन के पहियों पर ब्रेकिंग के चलते घर्षण बल लगता है। लंबे समय तक इस प्रक्रिया के कारण ट्रेन के पहियों के आकार में बदलाव आने की संभावना होती है, इसलिए डिपो परिसर में पिट व्हील लेथ मशीन लगाई जाती है, जिससे नियमित अंतराल पर ट्रेन के पहियों के जांच होती है, यदि किसी व्हील में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे इस मशीन के जरिए ही ठीक किया जाता है।

डिपो परिसर में इन मशीनों के जरिए होगा मेट्रो ट्रेनों का रखरखाव
1.फुल्ली आटोमेटिक सीएनसी अंडर फ़्लोर पिट व्हील लेथ मशीन (रेल व्हील टर्निंग के लिए)
2.फुल्ली आटोमेटिक सिंक्रोनाइज्ड पिट जैक मशीन (मेंटेनेंस के दौरान ट्रेन कोच को उठाने और नीचे करने के लिए)
- फुल्ली आटोमेटिक सिंक्रोनाइज्ड मोबाइल जैक (इसका काम भी पिट जैक की तरह ही होता है, बस इसे एक जगह से दूसरी जगह भी ले जाया जा सकता है)
- बोगी टर्न टेबल (मेंटेनेंस के दौरान मेट्रो कोच की बोगी/पहियों को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर ले जाने के लिए)
- ऑटोमैटिक ट्रेन वॉश प्लांट (मेट्रो ट्रेनों की ऑटोमैटिक सफ़ाई के लिए)
- इलेक्ट्रिक बोगी शंटर (मेट्रो ट्रेन को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर ले जाने के लिए)
- री-रेलिंग ऐंड रेस्क्यू व्हीकल (मेन लाइन या डिपो के अंदर डी-रेल होने या पटरी से उतरने की स्थिति में मेट्रो कोच को वापस ट्रैक पर लाने के लिए)
कर्व्ड यू-गर्डर की कास्टिंग शुरू
आगरा मेट्रो रेल परियोजना के बमरौली कटारा स्थित कास्टिंग यार्ड में वायाडक्ट को घुमाव देने के लिए 23 मीटर लंबे कर्व्ड यू-गर्डर की कास्टिंग शुरू हो गई है। दरअसल, आगरा मेट्रो प्रयॉरटी कॉरिडोर में ट्रेनों को डिपो से मेन लाइन में लाने के लिए डिपो लाइन का निर्माण किया जा रहा है। डिपो लाइन में घुमाव है, जिसके लिए कर्व्ड यू-गर्डर की कास्टिंग की जा रही है।
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।