आगरालीक्स..ऐसे घर बनाएं, जिसके हर हिस्से का बेहतर इस्तेमाल हो, छत बोरिंग एरिया नहीं, बल्कि उपयोगी और आधुनिक हो. आर्किटेक्ट्स के सामने चुनौतियां भी अवसर भी
आज आम आदमी को कम कीमत का घर प्रदान करना आर्किटेक्ट्स के लिए एक चुनौती भी है और अवसर भी। ऐसे में जरूरी है कि हम कार्बन उत्सर्जन कम करते हुए बहुत ही खूबसूरत डिजाइंस के साथ, आर्च पैनलों का उपयोग करते हुए कम स्टील के साथ ऐसे घर बनाएं जहां घर के हर हिस्से का बेहतर इस्तेमाल हो। जहां रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हो। घर की छत बोरिंग एरिया नहीं, बल्कि उपयोगी और आधुनिक हो जहां सौर ऊर्जा के साथ ग्रे वॉटर टैंक, वॉटर ट्रीटमेंट सिस्टम, बायोगैस प्लांट और चावल की पौध भी आसानी से लगाई जा सके..ये विचार जानी-मानी आर्किटेक्ट चित्रा विश्वनाथ ने रविवार को होटल जेपी पैलेस में आर्किटेक्ट एसोसिएशन आगरा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल आर्किटेक्ट्स कौन्फ्रेंस के अंतिम दिन तकनीकी सत्र में व्यक्त किये।

उन्होंने आज के युवा आर्किटेक्ट्स को भविष्य के लिए बेहतर ईकोसिस्टम के साथ बिल्डिंग के रूप में किसी अच्छे विचार को साकार करते हुए समझाया कि घटते भूगर्भ जल स्तर को रिचार्ज करने के लिए कुओं, झीलों और बावड़ियों को पुनर्जीवित करना आवश्यक है ताकि सबको शुद्ध पेय जल उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि यमुना जल पर आधारित आगरा के ताजमहल की तरह बेंगलुरु में कुंओं के जल पर आधारित हाउस ऑफ शंकरपुरम बसाया गया है। आर्किटेक्ट अनीशा शेखर मुखर्जी ने “सर्चिंग फॉर ब्यूटी इन आर्किटेक्चर” विषय पर बोलते हुए कहा कि दुनिया भर में वास्तुगत सौंदर्य का सबसे अप्रतिम उदाहरण आगरा का ताजमहल और उसके बाद सिडनी का ओपेरा हाउस है। जरूरी है कि हम आर्किटेक्ट्स दुनिया भर की बिल्डिंग्स को ताजमहल की तरह सुंदरता का आइकन बनाएं, जहां लोगों के मन को वास्तविक शांति मिल सके।
इस क्रम में जाने-माने आर्किटेक्ट केतन जावड़ेकर ने कहा कि भविष्य में प्रगति करने के लिए, यह आवश्यक है कि हम अतीत और वर्तमान पर विचार करें। गलतियों से सीखें और पश्चिमी विचारों की नकल करने के स्थान पर अपनी स्वदेशी सोच की प्रक्रियाओं को अपनाएं।

वास्तु के विद्यार्थियों और वास्तुविदों के मध्य वैचारिक साझेदारी जरूरी..
बढ़ते शहरीकरण और आधारभूत तकनीकी विकास के दौर में आर्किटेक्ट्स की जरूरत और मांग भी निरंतर बढ़ रही है। ऐसे दौर में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के माध्यम से आर्किटेक्चरल एजुकेशन के प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए पैनल डिस्कशन किया गया। वक्ताओं ने चिंता जताई कि वे टीचर्स कैसे वास्तु सिखा सकते हैं जिन्होंने कभी खुद एक भी बिल्डिंग की डिजाइन नहीं बनाई। आवश्यक है कि वास्तु के विद्यार्थियों और वास्तुविदों के मध्य वैचारिक साझेदारी हो। देश के बड़े-बड़े भवन, एयरपोर्ट और आधारभूत संरचना का विकास करने वाले आर्किटेक्ट्स इस तरह के अंतरराष्ट्रीय आयोजनों और वास्तु से जुड़े संस्थानों में आकर युवा आर्किटेक्ट्स को डिजाइन थिंकिंग समझाते हुए अपने अनुभव और ज्ञान की संपदा वितरित करें ताकि डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन और बेहतर ईकोसिस्टम के साथ भारत को विश्व की थर्ड लार्जेस्ट इकोनमी बनाया जा सके।
पैनल डिस्कशन के दौरान पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों, भावनाओं और भवन स्थापत्य कला के सौंदर्य बोध की परिभाषा पढ़ाए जाने पर जोर दिया गया। पैनल डिस्कशन में सूत्रधार स्कूल औफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर स्नेहांशु मुखर्जी रहे। डॉ. शीतल शर्मा, डॉ. अमित हजेला, अनुज मेहता, डॉ. देवाशीष सान्याल और पुनीत सेठी ने सारगर्भित विचार रखे।
ताज नगरी के आर्किटेक्ट सुबोध शंकर की किताब हुई लोकार्पित
ताज नगरी के सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार बाबू गुलाब राय के परिवार से जाने-माने आर्किटेक्ट सुबोध शंकर राय की पुस्तक “राइट और रौंग- रेंडम थॉट्स ऑन आर्किटेक्चर एंड अर्बन प्लैनिंग” का लोकार्पण जाने-माने आर्किटेक्ट शिरीष बेरी, देवाशीष सान्याल, संगीत शर्मा, आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन आगरा के प्रेसिडेंट समीर गुप्ता विभव, सिद्धार्थ शर्मा, अवंतिका शर्मा और श्रुति बंसल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इस मौके पर आर्किटेक्ट सुबोध शंकर ने बताया कि उन्होंने यह पुस्तक जाने-माने आर्किटेक्ट स्वर्गीय पीएल शर्मा जी को समर्पित की है। उन्हें 60 वर्ष पहले पीएल शर्मा जी का आशीर्वाद मिला था। इस पुस्तक में समय के साथ बदलते आर्किटेक्चर की परिभाषा और विविध आयामों पर आधारित उनके ज्ञानवर्धक अनुभव और आलेख प्रकाशित किए गए हैं।
सैंकड़ों युवाओं और आर्किटेक्ट्स के साथ हजारों शहर वासी हुए लाभान्वित
तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के साथ भवन निर्माण से जुड़े उत्पादों और तकनीक पर आधारित प्रदर्शनी के अंतिम दिन भी देर रात तक हजारों लोग एक छत के नीचे 80 स्टॉल्स पर जानकारी लेते रहे। प्रेसिडेंट समीर गुप्ता विभव ने सफल अंतरराष्ट्रीय आयोजन पर सभी का सम्मान और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन से आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन आगरा दुनिया के श्रेष्ठ वास्तु-ज्ञान को नई पीढ़ी और युवा आर्किटेक्ट्स तक पहुंचने में सफल रही। साथ ही एक छत के नीचे 25 हजार से अधिक लोगों को भवन निर्माण से जुड़े उत्पादों और तकनीक के साथ यूनिक इंटीरियर प्रोडक्ट्स प्रति जागरूक होने और वन टू वन संवाद करने का भी श्रेष्ठ अवसर मिला।
प्रेसिडेंट समीर गुप्ता विभव के साथ सचिव अमित जुनेजा, कोषाध्यक्ष अमित बघेल, समन्वयक सुनील चतुर्वेदी, येशवीर सिंह, सिद्धार्थ शर्मा, अनुराग खंडेलवाल, आकाश गोयल, अजय शर्मा, अवंतिका शर्मा, अनुभव दीक्षित, प्रीतम सिंह, अनुज सारस्वत, राहुल गुप्ता और जसप्रीत सिंह ने अंतरराष्ट्रीय आयोजन को सफल बनाने में महती भूमिका का निर्वाह किया।