आगरालीक्स ….होम्योपैथी के जनक जर्मनी के डॉक्टर भी आगरा में होम्योपैथी से इलाज के लिए कोर्स आ रहे हैं। आगरा के डॉ. पारीक होम्योपैथी सेंटर में कई देशों के 42 डॉक्टरों को फेफड़ों की बीमारी, बच्चों की बीमारी में होम्योपैथी का प्रशिक्षण दिया गया, समापन समारोह में डॉ. पारीक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में रविवार को डॉक्टरों को सर्टिफिकेट दिए गए।
मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि होम्योपैथी को लेकर एलोपैथी के चिकित्सकों ने भ्रम फैलाया था, होम्योपैथी की दवा लेने के आधे घंटे तक कुछ नहीं लेना चाहिए, इस तरह की तमाम भ्रांतियां थी जो होम्योपैथी पर लोगों का भरोसा बढ़ने के साथ समाप्त हो गई हैं, उन्होंने कहा कि यहां रसिया से ज्यादा डॉक्टर आए हैं भारत और रसिया के हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं। पदमश्री से सम्मानित होने जा रहे डॉ.आर.एस. पारीक, डॉ. आलोक पारीक, डॉ. आदित्य और डॉ. नितिका पारीक ने पांच से 11 फरवरी तक चली कार्यशाला में डॉक्टरों को प्रशिक्षणप दिया। कार्यशाला में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इटली, रूस, कजाकिस्तान और तुर्की के डॉक्टरों को प्रशिक्षणप दिया गया। डॉ. आलोक पारीक ने गुर्दे की विफलता, उन्नत कैंसर, क्रोनिक लीवर रोग आदि जैसे विषयों पर प्रकाश डालेंगे। डॉ.आदित्य पारीक लॉन्ग कोविड और पार्किंसंस रोग जैसे तंत्रिका संबंधी रोगों के विषय में बताएँगे। लाइव फॉलोअप केस और अपनाए जाने वाले विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा इस सेमिनार का मुख्य आकर्षण होगा।
नेशनल काउंसिल आफ होम्योपैथी के चेयरमैन डॉ. अनिल खुराना, नेशनल काउंसिल फॉर होम्योपैथी रिसर्च के डीजी डॉ. सुभाष, डॉ. प्रशांत पारीक, अधिवक्ता रवि अरोरा, राजीव उपाध्याय आदि मौजूद रहे।