आगरालीक्स …आगरा में अब घुटने, कूल्हे के बाद कंधे के ट्रांसप्लांट की भी सुविधा हुई शुरू, गर्दन और हाथ के बीच की नसों को बचाते हुए ट्रांसप्लांट, अत्याधुनिक तकनीकी से किया गया ट्रांसप्लांट।
आशा, निवासी धौलपुर राजस्थान के करंट लगने से दोनों कंधों में मल्टीपल फ्रैक्चर हो गया था, उन्होंने स्थानीय चिकित्सक से आपरेशन कराया लेकिन वह सफल नहीं रहा। उन्हें दिल्ली जाना था, उन्हें बोन हॉस्पिटल, प्रतापपुरा के अस्थि रोग सर्जन डॉ. दिव्य प्रकाश शर्मा के बारे में जानकारी मिली, आशा देवी ने डॉ. दिव्य प्रकाश शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने कंधे का ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी।
गर्दन और हाथ की नस बचाते हुए किया ट्रांसप्लांट
बोन हॉस्पिटल में अस्थि रोग सर्जन डॉ. दिव्य प्रकाश शर्मा ने मरीज आशा का कंधे का ट्रांसप्लांट किया, उन्होंने बताया कि घुटने और कूल्हे की तुलना में कंधे का ट्रांसप्लांट प्रत्यारोपण चुनौती से भरा होता है। गर्दन से नस हाथ की तरफ जाती हैं, ट्रांसप्लांट के दौरान इन नसों को नुकसान होने पर हाथ का मूवमेंट भी प्रभावित हो सकता है। इस चुनौती भरे ट्रांसप्लांट को किया गया, कंधे का ट्रांसप्लांट पूरी तरह से ठीक रहा।
दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा
रविवार को कंधे के ट्रांसप्लांट के बाद मरीज आशा को डिस्चार्ज किया गया। एसएन मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी पाल ने बताया कि अब मरीजों को घुटना, कूल्हे के साथ ही कंधे के ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा, आगरा में भी यह सुविधा शुरू हो गई है। एसएन के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने डॉ. दिव्य प्रकाश शर्मा की उपलब्धि पर बधाई दी।
बोन हॉस्पिटल में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट यूनिट भी होगी शुरू
बोन हॉस्पिटल के निदेशक वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. डीवी शर्मा ने बताया कि जल्द ही हॉस्पिटल में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट यूनिट शुरू की जाएगी, इससे पहले स्पाइनल सर्जरी यूनिट हॉस्पिटल में शुरू की जा चुकी है।