आगरालीक्स…आगरा में हाथरस का रंग-गुलाल छाएगा। हर्बल गुलाल की मांग ज्यादा। छोटा भीम और डोरेमोन जैसी पिचकारियों का जलवा है बरकरार।
होली को लेकर दुकानें सजाने की तैयारियां तेज

रंगों का त्योहार होली की तैयारियां तैयारियां और रौनक बढ़ने लगी है। शहरभर में पिचकारी, रंग-गुलाल व अन्य सामानों की दुकानें सजाने की तैयारी होने लगी है। आगरा और आसपास के जिलों के बाजारों में हाथऱस के रंगों की ज्यादा मांग रहती है।
हाथरस के रंग-गुलाल की है अलग पहचान

आगरा के निकटवर्ती जिले हाथरस का रंग-गुलाल का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है, यहां का गुलाल देश के विभिन्न प्रांतों में भी ज्यादा है। कई बड़े ब्रांड अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। आगरा के कारोबारी भी हाथरस का रंग गुलाल पंसद करते हैं एक तो यह नजदीक है और अन्य जगह से यहां का रंग गुलाल सस्ता पड़ता है।
रंग-गुलाल को लेकर लोग हैं अब जागरूक

लोगों में गुलाल की खरीद को लेकर कुछ समय से काफी जागरुकता देखी जा रही है। लोग साधारण और केमिकल युक्त गुलाल की जगह पर बिना केमिकल का नेचुरल गुलाल अधिक खरीद पसंद करते हैं।
पिचकारी और रंग-गुलाल के भाव स्थिर
पिचकारियों की बात करें तो दुकानों पर कई प्रकार की पिचकारियां बच्चों को लुभाने के लिए मंगाई गई हैं। पिचकारियों की कीमत पिछले वर्ष की भांति स्थिर है। बच्चों को लुभाने वाली डोरेमोन और छोटा भीम वाली पिचकारी भी सामान्य कीमतों पर ही उपलब्ध हैं।
चाइना के रंग बेरंग
खास बात यह है कि बाजारों में त्वचा पर नकारात्मक असर डालने वाले चाइना के रंग इस बार बाजारों से गायब हैं। दुकानदारों ने भी चाइना के रंगों की खरीद को लेकर कोई उत्सुकता नहीं दिखाई है।