आगरालीक्स…आगरा के डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के वार्षिकोत्सव में दिखाई दी भारतीय संस्कृति की झलक. स्टूडेंट्स ने पेश की रंगारंग प्रस्तुतियां…
सिकन्दरा स्थित डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के अतुल्य भारत कल्चरल सेन्टर में स्कूल का वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। वार्षिकोत्सव का शुभारम्भ संस्था के अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर ए.के. सिंह, सह अध्यक्षा श्रीमती नीलम सिंह, मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथियों, विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ सी. बी. जवली द्वारा द्वीप प्रज्जवलित करके किया गया। तत्पश्चात् प्राधानाचार्य ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने विद्यालय को शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर गतिविधियों से संबंधित उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
आयोजन में जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष एवं जिला जज न्यायमूर्ति सर्वेश कुमार मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हर बच्चे के अन्दर प्रतिभा छिपी होती है। इस तरह के आयोजन से बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है, जिसका उन्हें भरपूर लाभ उठाना चाहिए। डॉ. एमपीएस ग्रुप ऑफ इन्स्टीटयूशन्स के अध्यक्ष स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह ने सभी विद्यार्थियों के शानदार प्रदर्शन से प्रभावित होकर अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक बच्चा किसी न किसी नैसर्गिक प्रतिभा का धनी होता है, अभिभावकों को चाहिए कि वह उसकी प्रतिभा को पहचान कर उसे आगे बढ़ने में सहायता करनी चाहिए। डॉ. एमपीएस ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स की सह अध्यक्षा नीलम सिंह ने सुन्दर आयोजन के लिए सभी को शुभकामनायें प्रेषित की।
विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई, जिनका सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों व श्रोताओं ने तालियों से उत्साहवर्धन किया। इस कार्यक्रम में भारत देश की संस्कृति को दर्शात हुए भिन्न भिन्न राज्यों हिमाचल, कश्मीर, असम, गुजरात, व्रज, राजस्थान, हरयाणा, बंगाल, पंजाबी और महाराष्ट्र के नृत्य व गीतों की झलक स्पष्ट दिखाई दी।
कार्यक्रम का संचालन कक्षा विद्यालय के छात्र अर्श सक्सेना व प्राप्ति सरीन ने किया। कार्यक्रम के अन्त में प्रधानाचार्य न सभी को धन्यवाद प्रेषित किया। इस अवसर पर डॉ एमपीएस ग्रुप के डायरेक्टर एकेडमिक डॉ विक्रांत शास्त्री, डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन डॉ ए के गोवल, डीन एकेडमिक एच एल गुप्ता, अप्सा व नप्सा के सभी पदाधिकारियों सहित संस्थान के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।