आगरालीक्स…आगरा में एडीए की अधिग्रहित भूमि का भू माफिया ने कर दिया 26 लाख रुपये में इकरारनामा. कारोबारी को आरटीआई में मिली जानकारी तो उड़ गए होश. मुकदमा दर्ज
आगरा के भूमाफिया सुशील गोयल ने आगरा विकास प्राधिकरण की अधिग्रहित जमीन का 26 लाख रुपये में इकरारनामा कर दिया. जमीन कारोबारी ने शक होने पर इसकी जानकारी एडीए से आरटीआई के तहत मांगी जिसमें इस फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ. भूमाफिया सुशील गोयल ने एडीए से भूमि अधिग्रण का मुआवजा लेने के बाद उसका इकरारनामा किया था.
ये है पूरा मामला
थाना रकाबगंज अंतर्गत ईदगाह में यासीन अब्बास रहते हैं. यासीन अब्बास जमीन कारोबारी हैं. इन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां अभियोग दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें कोर्ट के आदेश पर रकाबगंज थाने में देहली गेट के रहने वाले सुशील गोय और उनके पुत्रों संदीप, सचिन और पत्नी समा व पांच अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. यासीन के अनुसार उन्होंने सुशील गोयल के साथ शास्त्रीपुरम सब सेक्टर ई—1 में 293 वर्ग गज के भूखंड का सौदा अगस्त 2020 में 26.95 लाख रुपये में किया था. इसका इकरारनामा उन्होंने और रीना देवी पत्नी तेजपाल के नाम कराया था. इस रकम में से 25 लाख रुपये का भुगतान आनलाइन किया गया.
यासीन के अनुसार आरोपियां ने एडीए का नक्शा व अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए समय मांगा लेकिन इसके बाद से वे बैनामा कराने के नाम पर टालमटोल करते रहे. यासीन के अनुसार वह और रीना देवी 25 अप्रैल 2022 को सदर तहसील में बैनामा कराने पहुंचे लेकिन आरोपित पक्ष यहां उपस्थित नहीं हुआ. जानकारी की तो बताया गया कि सुशील गोयल की तबियत खराब है. इस पर आरोपियों ने एक महीने बाद उन्हें जय बजरंग सहकारी आवास समिति के नाम से नक्शा नजरी व अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर बैनामा कराने के लिए कहा. इस पर यासीन को गड़बड़ी की आशंका हुई और उन्हें शक हुआ. इसके बाद उन्होंने सूचना का अधिकार के तहत एडीए में जानकारी मांगी तो पता चला कि उक्त नक्शा नजरी व अनापत्ति प्रमाण पत्र फर्जी और कूटरचित हैं. उसे एडीए से जारी नहीं किया गया है. यह पता चलते ही जमीन कारोबारी के होश उड़ गए. पता चला कि उक्त जमीन पहले सुशील गोयव व हरि सिंह के नाम पर थी जिसका सिकंदरा आवासीय योजनाके अंतर्गत बहुत पहले ही अधिग्रहण हो चुका है और सुशील गोयल उसका मुआवजा भी ले चुका है. बताया जाता है कि सितंबर 2022 में आरोपी जमीन कारोबारी यासीन के पास आएऔर इकरारनामा निरस्त कर उनकी रकम लौटाने का आशवासन दिया. पुलिस ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जांच में मिले साक्षयों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.