आगरालीक्स….चैत्र नवरात्र में आप जिस नक्षत्र में पैदा हुए हैं, उसी के अनुसार आप देवी की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। साथ में क्या धारण करें समेत विविधि जानकारी।

नौ देवियां और नौ नक्षत्र

श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार वाले ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा बताते हैं नौ देवियां और नक्षत्र के अनुसार पूजा-अर्चना से होती है मनोकामना पूर्ण।
🌹 1- यदि आपका जन्म अश्विनी, माघ, व मूल नक्षत्र का है ( जिनका स्वामी केतु ग्रह है) तो आपको “शैलपुत्री” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा अपामार्ग की जड़ धारण करनी चाहिए।
🔥 2- भरणी,पूर्वाफाल्गुनी,पूर्वाषाढ़ ( नक्षत्र स्वामी शुक्र) वालो को “ब्रह्मचारिणी ” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा अगस्थ मूल धारण करनी चाहिए
💥 3- कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ (नक्षत्र स्वामी सूर्य) वालो को “सिद्दिधात्री” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा बिल्वमूल धारण करनी चाहिए
🍁 4- रोहिणी, हस्त, श्रवण (नक्षत्र स्वामी चंद्र) वालो को “चंद्रघंटा” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा सफ़ेद चंदन मूल धारण करनी चाहिए
🔥 5- मृगसिरा, चित्रा, धनिष्ठा ( नक्षत्र स्वामी मंगल) वालो को “कुष्मांडा” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा जयंती मूल धारण करनी चाहिए
🌟 6- आद्रा, स्वाति, शतभिषा (नक्षत्र स्वामी राहू ) वालो को “कात्यायिनी” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा काले वस्त्र दान करने चाहिए।
🏵 7- पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद (नक्षत्र स्वामी गुरु) वालो “स्कंदमाता” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा केले के पेड़ की मूल धारण करनी चाहिए।
🌷 8- पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद (नक्षत्र स्वामी शनि) वालो को “कालरात्रि” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा विच्छोल मूल धारण करनी चाहिए।
🌺 9- रेवती, अश्लेशा, ज्येष्ठा (नक्षत्र स्वामी बुध) वालो को “महागौरी” देवी की पूजा करनी चाहिए तथा कलोल मूल धारण करनी चाहिए।