आगरालीक्स…आगरा के 10 पर्यटन स्थल. ताजमहल और आगरा फोर्ट ही नहीं ये स्थान भी हैं आगरा की पहचान…
आगरा को ताजनगरी कहा जाता है, क्योंकि यहां विश्व की सबसे खूबसूरत स्मारक ताजमहल है, जिसे देखने के लिए दुनिया के कोने—कोने से हर रोज हजारों पर्यटक आगरा आते हैं. वे आगरा की पहचान सिर्फ ताजमहल के जरिए ही कर पाते हैं लेकिन आगरा में केवल ताजमहल ही नहीं बल्कि इसे मिलाकर 10 ऐसे स्थान हैं जहां कोई के नजारे देखकर आप वाह ‘ताज’ नहीं वाह ‘आगरा’ कहेंगे. ये हैं वो स्थान

- ताजमहल
शुरुआत हम ताजमहल से ही कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया या देश में से कोई भी आगरा आना चाहता है तो उसकी पहली पसंद ताजमहल देखना ही होती है. दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल आगरा में यमुना नदी के तट पर स्थित है. इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी तीसरी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था. इसमें स्वयं शाहजहाँ का मकबरा भी है. 17वीं शताब्दी में पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बना ताजमहल दुनिया के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक है. हर साल आगरा की पूरी आबादी से अधिक संख्या में पर्यटक इस खूबसूरत स्मारक की एक झलक पाने के लिए यहां आते हैं. - फतेहपुर सीकरी
आगरा से 40 किमी की दूरी पर स्थित, फतेहपुर सीकरी आगरा जिले का एक नगर है और एक प्रसिद्ध पर्यटक केंद्र है. मुख्य रूप से लाल बलुआ पत्थर से बनी फतेहपुर सीकरी की स्थापना 1571 शताब्दी में मुगल सम्राट अकबर ने की थी. अब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं. यहां आपको कई अन्य प्रसिद्ध स्मारकों में जोधाबाई का महल, जामा मस्जिद, बुलंद दरवाजा और सलीम चिश्ती का मकबरा स्थित है. अरब और मध्य एशियाई तम्बू शिविरों से व्युत्पन्न, इंपीरियल कॉम्प्लेक्स भूमि के एक टुकड़े पर औपचारिक ज्यामिति में व्यवस्थित मंडपों का एक काम है. - आगरा किला
लाल किला के रूप में स्थित इस किले को आगरा के लाल किले के रूप में भी जाना जाता है, आगरा का किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है. यह ताजमहल से लगभग 2.5 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है. यमुना नदी के किनारे लाल बलुआ पत्थर के विशाल किले का निर्माण सम्राट अकबर द्वारा शुरू किया गया था. ताजमहल के नजदीक होने के कारण यहां पर्यटक काफी संख्या में आते हैं. - एत्माद्दौला
ताजमहल और आगरा किला की तरह यमुना नदी के ही तट पर बसे इस मकबरे को रानी नूरजहाँ ने अपने माता-पिता के लिए फारसी उद्यान के बीच में बनवाया था. इसका निर्माण काले और सफेद संगमरमर के साथ पीले संगमरमर का उपयोग करके किया गया था, और इसलिए इसे बेबी ताज कहा जाता था. - मेहताब बाग
आगरा के सबसे सुंदर स्थानों में एक मेहताब बाग को भी जाना जाता है. यह ताजमहल के ठीक उत्तर में स्थित है और विपरीत दिशा में आगरा का किला और यमुना नदी दिखाई देती है, मेहताब बाग प्राकृतिक आनंद का एक दुर्लभ और खूबसूरत स्थान है. यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है. - सिकंदरा
अकबर का मकबरा जिसे सिकंदरा के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित मुगल वास्तुशिल्प कृति है, जिसे 1605 और 1613 में बनाया गया था. यह सिकंदरा में, आगरा के उपनगरीय इलाके में, मथुरा रोड (NH2) पर, सिटी कोर से 8 किमी पश्चिम में स्थित है. मकबरे से लगभग एक किमी दूर, मरियम का मकबरा, मुगल सम्राट अकबर की पत्नी और जहाँगीर की माँ मरियम-उज़-ज़मानी का मकबरा है. - डॉल्फिन वॉटर पार्क
आगरा—मथुरा हाइवे पर स्थित डॉल्फिन वर्ल्ड वाटर पार्क 14 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है. यह वर्ष 2012 में शुरू हुआ था. यहां रोमांचकारी स्लाइड, रोलर कोस्टर, पानी और नियमित सवारी आदि हैं. इसके अलावा, इसमें एक मनोरंजन पार्क, बच्चों के लिए एक खेल क्षेत्र, लॉकर रूम और अन्य सुविधाएं हैं. - वाइल्डलाइफ एसओएस
वाइल्डलाइफ एसओएस भारत में एक गैर-लाभकारी संगठन है जो जंगली जानवरों और जंगलों को बचाता है और उनका पुनर्वास करता है. इसकी आगरा बियर रेस्क्यू फैसिलिटी दुनिया की सबसे बड़ी स्लॉथ बियर रेस्क्यू फैसिलिटी है, जिसमें 130 स्लॉथ भालू हैं. एलिफेंट केयर एंड कंजर्वेशन सेंटर दुर्व्यवहार और बंदी हाथियों को बचाता है और उनका पुनर्वास करता है. - कीठम झील
आगरा के वाइल्डलाइफ एसओएस के पास में ही और आगरा—मथुरा रोड पर एक सुंदर झील है, जिसे कीठम झील, सूर सरोवर भी कहा जाता है. झील को रामसर साइट के रूप में मान्यता दी गई है जो संरक्षित है. पूरी झील 7.13 वर्ग किमी के जलग्रहण क्षेत्र में बनी है. कीठम झील आकार में पंचकोणीय है. यहां प्रवासी पक्षियों के लिए आश्रय और प्रजनन के लिए कृत्रिम रूप से बनाए गए द्वीप हैं. - चंबल सेंचुरी
करीब डेढ़ दशक पहले तक खौफ का पर्याय रही चंबल नदी अब देशभर के पर्यटकों को लुभा रही है. यहां अब पर्यटकों का बसेरा होने लगा है. यहां डाल्फिन ही नहीं, घड़ियाल, आठ तरह के कछुए, विलुप्त श्रेणी में शुमान कई पक्षी देखने को मिलेंगे. वर्ष 1979 में चंबल के राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के क्षेत्र को राष्ट्रीय चंबल सेंक्चुरी प्रोजेक्ट घोषित किया गया था. इसके बाद चंबल में घड़ियाल और डाल्फिन की संख्या बढऩे लगी. यह करीब सौ किलोमीटर दूर स्थित है.